फर्जी तरीके से नौकरी पाकर स्थाई हुए 21 सरकारी बाबुओं पर गिरी गाज,किए गए बर्खास्त,तनख्वा की होगी रिकवरी,रिटायर्ड हुए कर्मचारियों की रोकी पेंशन
S.I.T की जांच में हुआ बड़ा खुलासा,एटा में मौजूद चार सरकारी कर्मचारियों को किया गया बर्खास्त,महत्वपूर्ण अभिलेख गायब होने के बाद शुरू हुई थी जांच
एटा जिले में वर्ष 1993,1995 में सरकारी नौकरी पाने वाले 21 कर्मचारियों पर एस आई टी की जांच में दोषी पाए जाने के बाद शासन ने उन्हें बर्खास्त करते हुए अब तक प्राप्त किए गए भुगतान की वसूली के आदेश दिए हैं,वहीं रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों की पेंशन पर रोक लगा दी है।बर्खास्त किए जाने वाले कर्मचारियों में फिलहाल चार बाबू एटा के अलग अलग दफ्तरों में तैनात हैं।जिन्हें एस आई टी की जांच रिपोर्ट आने के बाद नौकरी से बर्खास्त करते हुए अब प्राप्त किए गए सभी प्रकार के भुगतान की वसूली के आदेश दिए गए हैं।एटा के जिला प्रशासन ने प्रेस नोट जारी करते हुए जानकारी साझा की है।उत्तर प्रदेश शासन द्वारा की गई इस बड़ी कार्यवाही से एटा जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।वहीं मामले पर कोई भी जिले का अधिकारी कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं है।दोषी पाए गए सरकारी कर्मचारियों में फिलहाल चार कर्मचारी एटा में तैनात हैं।वहीं 17 कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके हैं जो अभी पेंशन पा रहे है।फिलहाल सभी फर्जी पाए गए कर्मचारियों के वेतन,पेंशन रोक दिए गए है साथ ही निर्देश दिया गया है कि सेवाकाल के दौरान प्राप्त किए गए सभी भुगतान के साथ साथ पेंशन के समय पाए गए भुगतान की वसूली की जाए। एस आई टी की जांच में ये सभी कर्मचारी फर्जी पाए गए हैं ।दोषी पाए जाने पर शासन द्वारा बड़ी कार्यवाही की गई है।जानकारी के अनुसार नौकरी संबंधी महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब होने के बाद जांच एस आई टी को सौंपी गई थी। एस आई टी की जांच रिपोर्ट आने के बाद उत्तर प्रदेश शासन ने बड़ी कार्यवाही की है।
वहीं एटा में तैनात चार बाबुओं नरेंद्र सिंह यादव,महेश कुमार यादव,विनीत कुमार,हरिनंदन सिंह को सेवा से बर्खास्त किया गया है और सेवाकाल में प्राप्त किए गए सभी प्रकार के भुगतान की बसूली के आदेश दिए गए हैं।कार्यवाही की कड़ी में 14 सेवानिवृत कर्मचारी जिनमे बच्चन लाल,सरदार सिंह,सर्वेश कुमार,अशरफ अजीज,अशोक कुमार,आराम सिंह,होती लाल, कैलाश नारायण,राजीव कुमार सक्सेना,बासुदेव,इंतजार हुसैन,परशुराम,दाऊद खान,महेंद्र पाल सिंह की पेंशन रोकते हुए सेवाकाल और रिटायर्ड होने के बाद पाए गए भुगतान की वसूली के आदेश दिए गए हैं।अभिलेख गायब होने के संदिग्ध तीन कर्मचारियों रतन पाल सिंह,सत्येंद्र पल सिंह (मृतक),राकेश कुमार(मृतक) के पेंशनरों की पेंशन रोकते की कार्यवाही शासन द्वारा अमल में लाई गई है।शासन के इस कार्यवाही के बाद हड़कंप मच गया है।