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सांसद की डॉक्टर से हुई झड़प,दिखाई औकात

-सांसद राजीव राय के साथ सिरफिरे डाक्टर की हुई नोंक-झोंक 

जिला अस्पताल बना दलालों का अड्डा विरोध करने पर दलाल डाक्टरों को उकसाकर मुकदमा कराने की देते हैं धमकी।


 घोसी सांसद राजीव राय एवं मऊ सदर अस्पताल के डाक्टर सौरभ त्रिपाठी की नोंक-झोंक का मामला प्रकाश में आया है।विदित हो कि सांसद राजीव राय जिला अस्पतात की ब्यवस्था को देखने पहुंचे थे तथा ओपीडी एवं इमरजेंसी वार्डों में पहुचकर मरीजों का हाल जान रहे थे कि इसी क्रम में ईएनटी स्पेशलिस्ट डा० सौरभ त्रिपाठी के ओपीडी कक्ष में पहुंचे तथा मरीजों से हाल-चाल ले रहे थे कि डा० सौरभ त्रिपाठी सांसद जी को देखकर बिदग गए और नोंक झोंक होने लगी इसी बीच जिला अस्पताल के सीएमएस मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराए ।इस मामले में सांसद राजीव राय का कहना है कि जनता की शिकायत के आधार पर जिला अस्पताल का दौरा करने के लिए आया था और प्रत्येक डाक्टरों एवं मरीजों से मिलकर अस्पताल की ब्यवस्था का हाल जान रहा था कि इसी बीच डा० सौरभ त्रिपाठी ने उल्टा पुल्टा बोलना शुरू किया जिसकी शिकायत मैंने सीएमएस से की है उन्होंने कहा है कि इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि डा०सौरभ त्रिपाठी एक विवादित डाक्टर हैं हमेशा उनकी झड़प मरीरों से लेकर तीमारदारों से होती रहती। विगत दिनों अपनी ड्यूटी से गायब रहने के कारण एक पत्रकार से भी वह बुरी तरह उलझ गए थे यहां तक डाक्टर ने अपना आपा खोते हुए पत्रकार को हेलमेट चलाकर मार दिया था जिसका मुकदमा कोर्ट में चल रहा है।दूसरा मामला था जब घोसी में दिवाल गिरने से कई लोगों की मौत और दर्जनभर लोग घायल हुए तब घायलों का ईलाज करने के बजाय जिला अस्पताल से वाराणसी के लिए रेफर किया जा रहा था जिसके कारण कई लोग रास्ते में दम तोड़ दिए‌ ।इस घटना को संज्ञान में लेकर भाजपा नेता शक्ति सिंह अस्पताल पहुंचे और संयोगवश इमरजेंसी में डा०सौरभ त्रिपाठी मौजूद थे जिसके बाद शक्ति सिंह और डा० सौरभ त्रिपाठी में तीखा नोंक-झोंक हुआ था,इस मामले में भाजपा नेता शक्ति सिंह ने सीधे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को फोन लगाकर डाक्टर सौरभ त्रिपाठी की बदसलूकी एवं जिला अस्पताल की बदइंतजामी का मामला बताया था जिसका विडियो शोसल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।अब तीसरे शिकार के रूप में घोसी सांसद राजीव राय हुए जिनको डा० सौरभ त्रिपाठी ने कहा कि आप नेतागिरी बाहर करिए जिसपर जिला अस्पताल में हंगामा हो गया। गौरतलब है कि जिला अस्पताल दलालों का अड्डा बन गया है और इससे संबंधित खबर जब पत्रकार चलाता है तो उसपर भी मुकदमा इन दलालों का काकस डाक्टरों से मिलकर करवा देता है और जब कोई समाजसेवी या नेता इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसको सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की बात कहकर मुकदमा करने की धमकी दी जाती है इस प्रकार देखा जाए तो जिला अस्पताल की ब्यवस्था खुद अपने आप में लाईलाइल बिमारी हो गई है जिसका ईलाज विगत दिनों शिकायत के बाद स्वास्थ्य मंत्री नहीं कर पाए तो आमजन क्या कर लेगा।

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