लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व में उल्लुओं की जान के दुश्मन एक बार फिर सक्रिय हो गए है।लखीमपुर खीरी में इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे हुए दुधवा टाइगर रिजर्व में 12 प्रजातियों के उल्लू पाए जाते हैं, इनमे से कुछ प्रजाति बेहद दुर्लभ हैं। दिवाली के त्योहार के मद्देनजर दुधवा पार्क प्रशासन ने उल्लुओं की जान पर खतरा देखते हुए दुधवा पार्क को अलर्ट मोड पर रखा है।यहां रूटीन गश्त के साथ नाइट पेट्रोलिंग भी की जा रही है। जंगल के जिन इलाकों में वाहन नहीं जा पा रहा है, उन इलाकों में हाथी पर सवार होकर गश्त की जा रही है।यूं तो उल्लू को माता लक्ष्मी का वाहन माना जाता है, लेकिन कुछ अंधविश्वासी तांत्रिक और अघोरियों का मानना है कि दिवाली के त्योहार की रात में विशेष नक्षत्र पर तंत्र-मंत्र क्रिया के द्वारा अगर उल्लू की बलि दी जाए तो मनोकामना पूर्ण होती है।दावा किया जा रहा है कि इसी अंधविश्वास के चलते दिल्ली, मुंबई समेत बड़े महानगरों में लोग एक उल्लू को 20 से 30 लाख रुपये में तस्करों से चोरी-छिपे खरीद रहे हैं।
उल्लुओं के बढ़ाई गई सुरक्षा,वजह जान हो जाएंगे हैरान
October 31, 2024
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