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हत्या के मामले में थाना प्रभारी को सजा

-बलवंत हत्या कांड पर कोर्ट का फैसला ,एसओजी प्रभारी समेत एसओजी की टीम बरी, कोर्ट ने थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी को सुनाई सजा



यूपी के कानपुर देहात में 12 दिसंबर 2022 को रनियां थाने में बलवंत सिंह की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई थी जिसमें बलवंत के परिजनों की तहरीर पर SOG समेत आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था, इसी मामले में कानपुर देहात की न्यायालय की एंटी डकैती ने एसओजी प्रभारी समेत पुरी एसओजी टीम को बरी कर दिया था तो वहीं शिवली थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर राजेश सिंह और मैंथा के तत्कालीन चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे को दोषी करार दिया था, जिसमें न्यायालय ने 24 अक्टूबर को सजा सुनाते हुए कहा कि तत्कालीन इंस्पेक्टर राजेश सिंह और मैथा के तत्कालीन चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई इसके साथ ही 10- 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने जानकारी देते हुए बताया न्यायालय ने मृतक बलवंत की पत्नी को आर्थिक सहायता में 10 लाख रुपए देने की बात कही... न्यायालय ने तत्कालीन SP सुनीति सिंह, तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी रसूलाबाद आशा पाल, तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी अकबरपुर प्रभात कुमार और तत्कालीन रनियां थाने के सब इंस्पेक्टर शिवप्रकाश के वेतन से 10 लाख रुपए की रिकवरी की जाएगी.।

उधर न्यायालय ने सजा का ऐलान किया तो शिवली थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर राजेश सिंह की पत्नी प्रीति सिंह ने इस फैसले को गलत ठहराया और कहा मृतक बलवंत को एसओजी ने गिरफ्तार किया था और रनिया थाने ले गई थी इसके बाद न्यायालय ने एसओजी टीम को बरी कर दिया और इस मामले में एक इंस्पेक्टर कैसे दोषी हो सकता है, उन्होंने कहा न्याय के लिए हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

तो वही मैथा चौकी के तत्कालीन चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे की पत्नी साधना पांडे ने न्यायालय के फैसले को गलत ठहराया और उन्होंने कहा बलवंत की पत्नी के साथ तो अन्याय हुआ ही था लेकिन अब मेरे साथ अन्याय हो रहा है... इसके लिए वो भी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी और इंसाफ की गुहार लगाएगी।

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