बुलंदशहर के नुमाईश ग्राउंड में किसान मजदूर महापंचायत में पहुँचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकेत बोले
10 साल पुराने वाहन के कानून के लिए कोई विपक्ष वाला भी आंदोलन नही कर रहा,उनके चक्कर मे भी नही आना लिए लड़ाई लड़नी पड़ेगी ये सरकार उद्योगपतियो की है। इसमें सब मिले हुए है सत्ता पक्ष और विपक्ष।
बुलंदशहर का सर्किल रेट इसलिए नहीं बढ़ा क्योंकि सरकार को जमीन लूटनी है।
अपने व्यापारी बंधुओ को जमीन देनी है तो सर्किल रेट नहीं बढेगा।
नोएडा सारा बर्बाद हुआ, अब अगला नंबर आपका है यहां के गांव चिन्हित हो गए। बहुत से गांव की जमीन जाएगी।
जिस आदमी की जमीन चली गई वह दोबारा उसे जमीन को कभी खरीद नहीं पाएगा।
क्या करोगे आप लोग जमीन बेचकर, आंदोलन रहेगा तो जमीन बचेंगी।
बहुत पॉलिटिकल आदमी जमीनों पर कब्जे कर रहे हैं। व्यापारी किसान की जमीन पर कब्जा कर रहा है।
ये बहुत बड़ा मकड़जाल है।
गौशाला बनी हुई है लेकिन पशु किसान के खेत में रहेगा।
मुख्यमंत्री कहते हैं बिजली 1 साल के लिए फ्री, उनकी सरकार कहती है कि हमारी सरकार आ गई तो 5 साल के लिए फ्री।
जबरदस्ती मीटर लगाए जा रहे हैं
तो फ्री बिजली कैसे आएगी कोई टेक्नोलॉजी हो तो हमें बताना।
सरकार का एजेंडा तय हो चुका है किसान की फसलों के दाम नही देने और जमीन इनकी छीननी है।
10 साल पुराना टैक्टर, गाड़ी आप दिल्ली में लेकर नही जा सकते हैं।
मध्यवर्गीय लोग वो कैसे बर्बाद होंगे ओर कंपनियों को कैसे फायदा होगा ये सब सरकार के एजेंडे में है।
यह सरकार उद्योगपति और व्यापारियों की सरकार है।
इसके खिलाफ संघर्ष करना पड़ेगा।
सत्तारूढ़ पार्टी कहती है कि विपक्षीय आंदोलन चलता है
हमारे साथ कोई नहीं है।
विपक्ष की जहां सरकार है उनके खिलाफ हमारे आंदोलन वहां भी चल रहे हैं।
पंजाब में भी आंदोलन हमारा चला हुआ है यह जमीन, फसल और नसल बचाने का आंदोलन है यह आंदोलन चलेंगे।
राजा अगर न्याय के घर पर चला जाएगा तो उसके पक्ष में न्याय करेगा फिर तो कोर्ट के घर में सभी को जाना चाहिए।
एक टाइम वह आएगा जब एग्रीकल्चर हड़ताल देश में होगी।
किसान संगठन अभी और बनेंगे सरकार इनको बनवा रही है जिससे किसान बट जाएं।
जो पॉलिटिकल पार्टी संघर्ष करने वाली थी वह सरकार में शामिल हो गई।
हमने पॉलीटिकल पार्टी को किसान शब्द याद दिला दिया अगर मंच पर आएगा तो किसान शब्द बोलेगा।
अपना खर्चा कम करें खर्चा बचाये।
दहेज प्रथा, मृतक भोज,जन्मदिन, करवाचौथ है ये त्यौहार है अगर इसमें आपको देना है तो कैश दे दो कोई भी आडंबर नही करना चाहिए, खर्चे कम करने चाहिए।
साप्ताहिक बाजार बंद होंगे तो 4 करोड़ लोग हैं कहां जाएंगे।
हमारा तो आंदोलन है, हम पॉलीटिकल सिस्टम से दूर रहेंगे।
हमारे मूवमेंट है हम अपना करते रहेंगे।
पराली के बगैर धान कैसे पैदा होता है। हमारे साइंटिस्ट बताएं हम करेंगे उसको
जो आंदोलनकारी थे वह सत्ता में चले गए। जिन पर जनता विश्वास करती थी वह भी वहां जाकर शामिल हो लिए।
कुछ लोग महल में जाना चाह रहे हैं, कुछ लोग जेल में जाना चाह रहे हैं।
संघर्ष का रास्ता है कटीला, एक मखमली रास्ता है, दोनों रास्ते अलग हैं।
नशा छुड़वाना पड़ेगा, खासतौर से पंजाब हरियाणा हमारे यहां पर ड्राई नशा आ रहा है। नशा छोड़ना पड़ेगा।
EVM सरकार की मौसी है, दूध मलाई दूसरे का पीती है और काम इनका करती है।
EVM में जब बैटरी स्टोर से लगती है, पिछला डाटा खत्म हो जाता है और नया डाटा फीडिंग होता है तो सारे कर्मकांड होते है।