.अवैध तरीके से बनाए गए 84 मकानों को प्रशासन ने खाली कराना शुरुकिया ।84 मकानों के निर्माण को हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण बताते हुए जगह खाली कराने का आदेश दिया। स्थानीय लोगों इसे मदीना मस्जिद इलाका कहते हैं लोगों के अनुसार वे करीब पचास साल से मकान बना कर इस इलाके में रह रहे
कांच फैक्ट्री की जमीन पर अवैध तरीके से बनाए मकान
प्रशासनिक अधिकारियों के सामने रोते बिलखते नजर आए पीड़ित,
बड़ा सवाल बैनामा न होने और अवैध मकान बने होने के बाबजूद किस नियम के तहत लोगों को दिए गए प्रधान मंत्री आवास,
सरकारी धन का किस आधार पर किया गया दुरुपयोग।
हाईकोर्ट के आदेश पर संभल प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही शुरु की है
कांच फैक्ट्री की जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए चौरास्सी मकानों को प्रशासन ने खाली कराना शुरु कर दिया है मकानों में रह रहे लोग
अपना सामान लेकर दूसरे ठिकानों पर जा रहे हैं.
पूरा मामला संभल के बहजोई कस्बे का है यहां के कांच फैक्ट्री इलाके म़े अवैध रूप से बनाए गए 84 मकानों के निर्माण को हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण बताते हुए जगह खाली कराने का आदेश दिया था आदेश के अनुसार जमीन बंदशुदा यूपी ग्लास वर्क्स कांच फैक्ट्री की है.
मकानों को खाली कराने की कई दिन से जिला प्रशासन कबायद कर रहा था मकानों में रह रहे लोगों को नोटिस दिए गए थे.
हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में अधिकारियों और एसपी की मौजूदगी में पुलिस और पीएसी मौके पर पहुंची है तथा मकान खाली कराए जा रहे हैं लोग अपना सामान लेकर दूसरे ठिकानों की तलाश में जा रहे हैं खाली कराए गए कई मकानों को सील कर दिया गया है.खबर लिखे जाने तक मकान खाली कराने का अभियान जारी था.
आपको बता दें कि स्थानीय लोगों इसे मदीना मस्जिद इलाका कहते हैं लोगों के अनुसार वे करीब पचास साल से मकान बना कर इस इलाके में रह रहे थे.इस बस्ती में रहने वाले सभी लोग एक ही समुदाय के हैं.कार्यवाही से हड़कंप मचा है .
संभल में उच्च न्यायालय के आदेश पर अवैध तरीके से बने 80 मकानों को जिला प्रशासन के द्वारा भारी पुलिस फोर्स की मदद से कराया गया खाली,
प्रशासनिक अधिकारियों के सामने रोते बिलखते नजर आए पीड़ित,
बड़ा सवाल बैनामा न होने और अवैध मकान बने होने के बाबजूद किस नियम के तहत लोगों को दिए गए प्रधान मंत्री आवास,
सरकारी धन का किस आधार पर किया गया दुरुपयोग।
.बता दें कि संभल के जिला मुख्यालय बहजोई में एशिया की पहली कांच फैक्ट्री हुआ करती थी,
इसी की जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध तरीके से अपने मकान बनाकर रह रहे थे,
जिसका मुकदमा उच्च न्यायालय में विचाराधीन था,
इसी को लेकर कोर्ट ने अवैध तरीके से बने मकानों को खाली कराने के संभल प्रशासन को निर्देश दिए थे,
तो आज सुबह संभल प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकानों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की गई,
और खाली मकानों पर प्रशासन ने सील लगाकर अपना कब्जा कर लिया है,
इसी दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के सामने रोते बिलखते नज़र आए पीड़ित,
बड़ा सवाल यह है कि गाटा संख्या 674 में बने मकान अवैध थे,
और पीड़ितों के पास मकानों के बैनामा भी नहीं थे,
तो प्रशासन ने किस आधार पर प्रधानमंत्री आवास के तहत लोगों को आवास उपलब्ध करा दिए गए,
या यूं माना जाए कि सब कुछ पता होने के बाबजूद भी सरकार को चूना लगाया गया ,
सवाल ये है कि किस नियम के तहत लोगों को प्रधान मंत्री आवास मुहैया कराए गए,
इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है,
और इसकी जांच होना अति आवश्यक है।