मूर्ति विसर्जन करने गए पांच युवक नदी में डूबे , चार बचाए गए एक लापता
प्रशासन एवं पुलिस की लाख मनाही के बावजूद मूर्ति विसर्जन के लिए नदी में घुसे पांच युवक पानी में डूब गए जिसमें चार युवकों को ग्रामीणों की सहायता से बचा लिया गया लेकिन एक युवक लापता हो गया।
रामपुरा थाना अंतर्गत ग्राम जायघा में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान नदी में एक युवक के पानी में डूबकर लापता हो जाने से सनसनी फैल गई है । प्राप्त विवरण के अनुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्राम जायघा में नवरात्रि के अवसर पर दुर्गा माता की झांकी सजाई गई थी । आज दशहरा को देवी भक्तों द्वारा कार्यक्रम समापन कर मूर्ति को विसर्जित किया जाना था । गांव में भ्रमण के बाद मूर्ति को पहूज नदी तट पर ले जाया गया । सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीण युवाओं को नदी में प्रवेश करने से रोके जाने के बावजूद कुछ उत्साही युवक मूर्ति समेत पानी में प्रवेश कर गए और पहूज व सिंध नदी के संगम पर भारी भरकम मूर्ति लेकर पहुंच गए वहां नदी तल में कटान एवं दो नदियों के तीव्र बहाव में पांच युवक सत्यम पुत्र हरिशंकर ,अनु पुत्र शेर सिंह, लालजीत सिंह उर्फ लल्ला पुत्र लखपत सिंह मोहित ,आशू पानी में डूबने उतराने लगे यह देख गांव के अन्य लोग मदद के लिए पानी में कूद गए जिसमें सत्यम तथा अनु सिंह आशू व मोहित को बचा लिया गया लेकिन लालजीत सिंह लल्ला उम्र 22 बर्ष पुत्र लखपत सिंह पानी में डूब गया स्थानीय गोताखोर व कुशल तैराक ग्रामीणों ने उसे खोजने का बहुत प्रयास किया लेकिन असफलता हाथ लगी। उक्त घटना की सूचना पाकर थानाध्यक्ष रामपुरा संजीव कुमार कटियार ,उपजिलाधिकारी माधौगढ़ सुरेशचंद्र पाल, क्षेत्राधिकारी रामसिंह मय पुलिस बल मौके पर पहुंच गए एवं गोताखोरों की मदद से पानी में डूबे लालजीत सिंह की तलाश करवाई लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी ।
सात भाइयों में सबसे छोटा था लल्ला सिंह
जगम्मनपुर, जालौन । मूर्ति विसर्जन के दौरान पहूज व सिंध नदी में डूबे लालजीत सिंह उर्फ लल्ला सिंह अपने पांच भाइयों एवं दो बहनों में सबसे छोटा था। लल्ला सिंह भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहा था। एक बार वह दौड़ एवं अन्य अहर्ताओं को पूरा भी कर चुका था लेकिन मेरिट में एक नंबर कम होने से सेलेक्ट नहीं हो सका था।
प्रशासन एवं पुलिस की ना मानने का दुखद परिणाम
रामपुरा थाने में नवरात्रि पर्व के पूर्व हुई बैठक में दुर्गा मूर्ति स्थापना करने वाले आयोजकों को एवं क्षेत्रीय प्रतिष्ठित लोगों के साथ पुलिस ने बैठक कर स्पष्ट कहा था कि कोई भी मूर्ति नदी के बहते हुए जल में विसर्जित नहीं की जाएगी । आज जायघा में मूर्ति विसर्जन के लिए निकाली जा रही शोभा यात्रा में लगे पुलिस कर्मियों के रोके जाने के बावजूद नदी के गहरे जल में मूर्ति को विसर्जन करने की जिद के कारण यह दुखद हादसा हो गया।