मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक की। साथ ही, नामान्तरण, पैमाइश, वरासत, उत्तराधिकार तथा भूमि उपयोग से जुड़े मामलों के तत्काल निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी और तहसीलदार अपने क्षेत्र में ऐसे लंबित प्रकरणों को चिह्नित करें और तेजी के साथ निर्णय लेते हुए यथोचित समाधान कराएं। ये आमजन के हितों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाले मामले हैं, इनका हर हाल में समयबद्ध निस्तारण होना ही चाहिए।
जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार जैसे जनता से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों का जनता से सतत संवाद बना रहना चाहिए। सभी अधिकारी लोगों की परेशानियों को सुनें और एक तय समय सीमा के अंदर मेरिट के आधार पर उनका निस्तारण कराएं।
मण्डलायुक्त जनपदों, तहसीलों, सरकारी कार्यालयों तथा जोन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्राधीन थानों/मालखानों का औचक निरीक्षण करें।
अवैध कब्जा किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। इसमें जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्रवाई की जाए। कब्जा हटाने की कार्रवाई के साथ ही, अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में FIR भी पंजीकृत कराई जाए।
जहां कहीं भी चकबंदी हो रही है, अथवा लंबित है, उसे सावधानी के साथ नियमों के अनुरूप किया जाए। एक निश्चित समय-सीमा में यह सभी कार्यवाही पूरी कर ली जाए। ग्रामीण क्षेत्र में पैमाइश का कार्य पूरी गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। प्रकरण के निस्तारित होने के बाद दोबारा अवैध कब्जा करने वाली हर गतिविधि के विरुद्ध कठोरता से कार्रवाई की जाए।
नायब तहसीलदार, तहसीलदार, उपजिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), कानूनगो और लेखपाल के रिक्त सभी पदों को यथाशीघ्र भरा जाए। जनपदों के मानचित्र अपडेट किए जाएं। अवैध खनन की गतिविधियों को रोकने के लिए अलर्ट रहें। इसके लिए ‘जीरो प्वाइंट’ पर ही कार्रवाई किया जाना उचित होगा। छापेमारी की कार्रवाई पूरी तैयारी से हो और एक व्यवस्थित टास्क फोर्स द्वारा ही की जाए।