भाजपा नेता के गोली कांड का फर्जी वाड़े का खुलासा bjp नेता सहित चार लोग गिरफ्तार संभल-बीजेपी नेता पर जानलेवा हमले में नया खुलासा,बीजेपी नेता ने षडयंत्र कर अपने कंधे में फिट कराई बुलट,झूठी प्राथमिकी दर्ज करा कर साजिशन पुरानी रंजिश के चलतेमौहल्ले के लोगों को भिजवाया था जेल,पुलिस ने पुनर्विवेचना कर बीजेपी नेता समेत चार को किया गिरफ्तार,झूठे नामजदों को कराया बरी
अपराधी कितना ही बड़ा अपराध कर दे मगर वह कानून से बच कर भाग नहीं सकता बशर्ते पुलिस सही विवेचना करे.चंदौसी में बीजेपी नेता को गोली मारने के केस में पुलिस ने पहले बड़ी गलती कर नामजद निर्दोषों को गिरफ्तार कर कर जेल के सीखचों तक पहुंचवा दिया मामले की गूंज जब डिप्टीसीएम केशव प्रसाद मौर्य तक पह़ुंची तो पुलिस की नींद टूटी बीजेपी नेता खुद गोलीकांड का षडयंत्रकारी निकला पुलिस ने अब बीजेपी नेता और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है वहीं निर्दोषों को न्यायिक अभिरक्षा से बरी कराया है।
29 जुलाई को चंदौसी कोतवाली इलाके में बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के नगर अध्यक्ष प्रेमपाल ने मौहल्ले के लोगों द्वारा गोली मार कर घायल करने की 112 को सूचना दी थी।
पुलिस ने आनन-फानन घायल बीजेपी नेता को इलाज को भेजा जहां से उसे मुरादाबाद रैफर कर दिया sp ने भी मौके का मुआयना किया।
पुलिस ने आनन-फानन कार्रवाई कर मौहल्ले के ही दो भाइयों समेत तीन लोगों को घटना में प्रयुक्त तमंचे एवं डंडे समेत गिरफ्तार कर गुडवर्क दर्शा दिया।
इधर जेल गए दो भाइयों की मां विधवा महिला अधिकारियों को बताती रही कि उसके लड़कों समेत जेल भेजे गए।
तीनों लोग निर्दोष हैं.आरोप के अनुसार पुलिस ने एक मां की नहीं सुनी।
बाद में महिला ने डिप्टी सीएम के केशव प्रसाद मौर्य से फरियाद की तब पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ।
पुलिस ने केस की पुनर्विवेचना की तथा गोलीकांड का षडयंत्रकारी बीजेपी नेता को माना.पुलिस ने घटना का दोबारा खुलासा करते हुए बताया कि बीजेपी नेता ने दो कंपाउंडरों से कंधे में गोली फिट कराई फिर पुलिस को सूचना दी पुलिस ने बीजेपी नेता और दो कंपाउंडरों समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है एक आऱोपी की गिरफ्तारी बाकी है वहीं पहले गिरफ्तार किए ।
गए तीन निर्दोषों को पुलिस ने न्यायिक अभिरक्षा से बरी कराया है।
अब बड़ा सवाल ये है कि जिन निर्दोषों से पुलिस ने डंडा और तमंचा बरामद किए वह कहां से आए.कानूनी जानकारों का मानना है कि यदि इस मामले की न्यायिक जांच हो तो पुलिस के कई अधिकारी कर्मचारियों की गर्दन फंस सकती है।