Type Here to Get Search Results !

आजम खान को एक और झटका, बढ़ेगी मुश्किल

 आज़म खान पक्ष को अदालत से नही मिली राहत, 

जबरन भूमि नाम कराने के आरोप में 27 मुकदमो की एक साथ सुनवाई करने की आज़म खान पक्ष ने लगाई थी अर्ज़ी, अदालत ने किया खारिज



 समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के लिए अदालत में मुश्किलों भरा दिन रहा। रामपुर की एमपी एमएलए विशेष अदालत मजिस्ट्रेट ट्रायल श्री शोभित बंसल की अदालत में आजम खान पक्ष की ओर से जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित 27 मामलों को लेकर आरोप था कि किसानों को झूठे मुकदमों में फसाने की धमकी देकर और हवालात में बंद कर जबरदस्ती जमीन नाम कराई गई थी इन मामलों में पुलिस द्वारा न्यायालय में अलग-अलग आरोप पत्र भी दाखिल कर दिए गए लेकिन आजम खान पक्ष का यह कहना था की यह सभी मामले एक प्रकृति के हैं और एक ही जैसी घटना से संबंधित हैं इसलिए इन सब की सुनवाई इकट्ठा एक जगह की जाना चाहिए। जिस पर विशेष एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल शोभित बंसल ने आजम खान पक्ष की इस अर्जी को निरस्त कर दिया अब इन सभी मामलों की सुनवाई अलग-अलग ही होगी।

 इस विषय पर वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया,, आलिया गंज के किसानों के द्वारा वर्ष 2019 में थाना अजीम नगर पर जो 27 किसान थे उनके द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया गया की जो उनकी जमीन थी जब जौहर विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा था तो ट्रस्ट के द्वारा मोहम्मद आजम खान और ट्रस्ट के सदस्यों के द्वारा उनकी जमीन को जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने के लिए उन सभी लोगों को झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी दी गई और झूठे मुकदमे दर्ज किए गए और जबरदस्ती उनके अंगूठे लगवाए गए, मारा पीटा गया और हवालात में बंद किया गया और उनकी जमीन को हड़प लिया गया। इसके संबंध में उन्होंने मुकदमा लिखवाया और न्यायालय में चार्ज शीट आने के बाद सभी अभियुक्तों के द्वारा उनमोचन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया जिस पर माननीय न्यायालय ने उनमोचन प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए आरोप परीक्षित किया साक्षी में पत्रावली नियत की गई जिसमें से अभियुक्त मोहम्मद आजम खान, अब्दुल्लाह आजम, श्रीमती तंजीम फातिमा और आले हसन के द्वारा यह प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया की सभी मुकदमे एक ही घटना से संबंधित है और इन मुकदमों को एक साथ मर्ज कर दिया जाए एक मुकदमा चलाया जाए जिस पर अभियोजन के द्वारा आपत्ति की गई दोनों पक्षों को सुनने के बाद माननीय विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए कोर्ट श्री शोभित बंसल जी के न्यायालय के द्वारा कल दिनांक 06/09/2024 को आदेश पारित किया गया और उनकी प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया और अब सभी मुकदमे अलग-अलग ही चलेंगे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad