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शिक्षकों की जांच पर भड़के शिक्षक, दी चेतावनी

चालीस हजार शिक्षकों का सतर्कता अधिष्ठान से जांच कराकर भय उत्पन्न करना ठीक नहीं-संजय द्विवेदी

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ(चंदेल गुट) ने अपनाया आक्रामक तेवर

शिक्षा निदेशक माध्यमिक के 28 अगस्त के आदेश को तुरंत वापस ले सरकार

पूरे प्रदेश में किसी भी शिक्षक का वेतन रोका तो पठन पाठन बंद कर आंदोलन होगा

जिला विद्यालय निरीक्षक को विद्यालय स्तर से कोई भी पत्रावली ना दे प्रबंधक, प्रधानाचार्य



उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार, शासन व विभाग माध्यमिक शिक्षा को संचालित करने में बाधा उत्पन्न कर रही है। वर्ष 1981 से 2020 तक नियुक्त शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सतर्कता अधिष्ठान से जांच कराने का निर्णय हैरान कर देने वाला है। नियुक्तियों के नाम पर पूरे प्रदेश में भय का वातावरण उत्पन्न करना ठीक नहीं हैं।सरकार उक्त आदेश को तुरंत वापस ले अन्यथा पूरे प्रदेश में पठन पाठन बंद कर आंदोलन किया जाएगा।

               बतातें चलें कि शिक्षा निदेशक माध्यमिक द्वारा दिनांक 28 अगस्त को प्रदेश के सभी संयुक्त शिक्षा निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षक के पदनाम से जारी आदेश में प्रदेश के 40 हजार से अधिक शिक्षकों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियुक्ति की जांच सतर्कता विभाग से कराए जाने के लिए अभिलेख उपलब्ध कराने का आदेश निर्गत किया है। जिससे पूरे प्रदेश में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। प्रदेश के अनेक जिलों में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा उक्त आदेश के क्रम में विद्यालयों को पत्र लिखकर शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं।

         संजय द्विवेदी ने प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों से अपील किया है कि अपने अपने जिलों में प्रेस कांफेंस करके शिक्षा निदेशक माध्यमिक के बेतुके आदेश का पुरजोर विरोध किया जाय। यदि शिक्षा निदेशक माध्यमिक के आदेश के क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा आदेश निर्गत करके विद्यालयों से नियुक्ति संबंधित पत्रावली मांगी जा रही हो तो विद्यालय के प्रबंध/प्रधनाचार्य कदापि ना दें। पूरे प्रदेश में उक्त आदेश के क्रम में किसी भी शिक्षक का वेतन रोका गया तो परिणाम गंभीर होंगे।

          संजय द्विवेदी ने कहा कि शासन व विभाग के अधिकारी शिक्षकों के संदर्भ में अनाप-सनाप आदेश कर प्रदेश की योगी सरकार की छवि को प्रायोजित तरीके से खराब कर रहे है। इस गंभीर प्रकरण को सरकार तुरंत संज्ञान में ले और उक्त आदेश को निरस्त करे। प्रदेश के अनेक जिलों से सूचना आ रही है कि अधिकारी उक्त आदेश को हथियार बनाकर वसूली में जुट गए है जिसका संगठन पुरजोर विरोध करेगा।

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