किसानों की लड़ाई लड़ने वाले किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की मृत्यु के 13 साल बाद कैराना कोर्ट ने एक मामले को लेकर उनकी गिरफ्तारी का नोटिस जारी किया है। इस नोटिस को लेकर उस समय बखेड़ा खड़ा हो गया है जब मुजफ्फरनगर जनपद की भौराकलां थाना पुलिस इस नोटिस को लेकर सिसौली गांव में स्थित टिकैत परिवार के घर पहुंची थी।
इस नोटिस को लेकर राकेश टिकैत के बेटे चरण सिंह टिकैत ने सवाल खड़ा करते हुए शासन प्रशासन के साथ न्यायपालिका की बड़ी चूक होना बताया है।
आपको बता दे कि शामली जनपद के कांधला में रोड जाम करने के एक मामले में भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक और अध्यक्ष रहे स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत सहित कई लोगों के कैराना कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं जबकि महेंद्र सिंह टिकैत के निधन को 13 साल हो चुके हैं लेकीन अदालत में मृत्यु प्रमाण पत्र जमा न करने के कारण कोर्ट द्वारा यह वारंट जारी किया गया है।
इस मामले की अधिक जानकारी देते हुए राकेश टिकैत के बेटे चरण सिंह टिकैत ने बताया कि इससे न्यायपालिका पर सवाल पैदा होता है क्या न्यायपालिका को नोटिस भेजने से पहले देखना नहीं चाहिए था कि किसके खिलाफ नोटिस कर रहे हो और बाबा महेंद्र सिंह टिकैत ने गरीब किसान के लिए आवाज उठाई और उनको सभी लोग जानते हैं पूरा भारत उनको जानता है तो ऐसे में जो आम आदमी है उनको कितनी परेशानी झेलनी पड़ती होगी, उनका मानसिक शारीरिक और कितनी परेशानी न्याय पालिका की तरफ से और पुलिस प्रशासन की तरफ से उनको झेलनी पड़ती है, 15 मई 2011 को 7:14 पर उन्होंने अपना शरीर त्यागा था और करीबन उसके और उसके 13 साल बाद यह नोटिस आना चलो उसके कोई नहीं लेकिन थाना भोरा कला को उसकी इतनी जानकारी होनी चाहिए थी कि आप उसको कहां भेज रहे हो उसको वहीं से वहीं वापसी कर देना चाहिए था और पेश कहां से होंगे अब तो बाबा महेंद्र सिंह टिकैत स्वर्ग में है तो इसमें कानून अपना काम करें, यह तो एक कहावत हो गई की मछली झाड़ी में और बकरी पानी में तो इसका प्रशासन और शासन को समझना चाहिए, हां वारंट घर पर आया था इसमें प्रशासन और शासन की भी लापरवाही है और यह हमने न्यायपालिका में भी देख लिया कि उनकी भी कोई जिम्मेदारी नहीं है वह भी अपना आदेश जारी कर देते हैं बाकी जो नीचे वाले हैं वह लेकर आ जाते हैं तो क्या सबको पता नहीं की आपको गए हुए 13-14 वर्ष हो गए तो ऐसा नहीं होना चाहिए वह सारी जानकारी शासन और प्रशासन को अपने पास रखनी चाहिए, हमारे पास आज ही नोटिस आया है।