मेरठ के बहुचर्चित तीहरे हत्याकांड में कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी माना, आरोपियों के खिलाफ 5 अगस्त को कोर्ट सुनायेगी फैसला , 22 मई 2008 को कोतवाली थाना इलाके के गुदड़ी बाज़ार में हुई थी तीन युवकों की हत्या, शीबा नाम की युवती से प्रेम प्रसंग को लेकर हुआ था नृशंस हत्याकांड ,पूर्व सांसद का रिश्तेदार इज़लाल और उसके दो भाई व दोस्तों सहित कुल 14 लोगो पर था हत्या करने का आरोप ,16 साल तक मुकदमा चलने के बाद कोर्ट ने माना सभी अरोपियों को दोषी,दो अरोपियों की हो चुकी है मौत जबकि एक जुवेनाइल तो एक आरोपी की फ़ाइल विचारधीन है , आज सुनवाई के बाद सभी दोषियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेजा।
दरअसल 23 में 2008 को बागपत और मेरठ जिले के बॉर्डर पर नदी के किनारे एक कार में तीन युवकों के शव मिले थे । मृतकों की पहचान सुनील ढाका निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरी निवासी परीक्षितगढ़ और सुधीर उज्जवल निवासी बागपत के रूप में हुई थी । पुलिस जांच में पता चला कि 22 मई में की रात को तीनों की हत्या कोतवाली के गुदड़ी बाजार में मीट कारोबारी इज़लाल ने अपने भाइयों और दोस्तों के साथ मिलकर तीनों युवकों की हत्या की थी ।
बताया जाता है कि इज़लाल की दोस्ती मेरठ कॉलेज में पढ़ने वाली शीबा सिरोही नाम की युवती से थी । सुनील ढाका भी शीबा से दोस्ती करना चाहता था । ये बात इज़लाल को नागवार गुजरी । शीबा ने इज़लाल को तीनों युवकों के खिलाफ उकसाया और इस इज़लाल ने तीनों को गुदड़ी बाजार अपने घर बुलाया और जहां उनकी हत्या कर दी बताया जाता है कि तीनों युवकों को पहले गोली मारी गई फिर तलवार से गला काटा गया ।
हत्या कर के तीनों शवों को एक गाड़ी में डालकर बागपत नहर की ओर ले जाया गया और गाड़ी का पेट्रोल खत्म होने पर गाड़ी को आरोपी गाड़ी में ही शवों को छोड़कर फरार हो गए ।
इस मामले में 14 लोगो को आरोपी बनाया गया जिसमें दो की मौत हो गई तो एक आरोपी जुऐनाइल होने से बच गया तो एक आरोपी की फ़ाइल विचारधीन है । अब इस मामले में कोर्ट ने बाकी सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए जेल भेज दिया है और इस मामले में 5 अगस्त को सुनाई जाएगी ।