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रेलवे स्टेशन पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला आया सामने




 गोंडा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से बरामद हुए 16 नाबालिगों के मामले में ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने एक प्राइवेट कंपनी समेत तीन महिलाओं के खिलाफ मानव तस्करी का मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है। दरअसल वैल्यू शॉप लिमिटेड कंपनी में ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने के नाम पर 15 नाबालिग लड़कियों और एक नाबालिक लड़के को बिहार के मोतिहारी ले जाया जा रहा था। बीते 29 जुलाई को आरपीएफ, सीआइबी और एचटीयू की टीम ने गोंडा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से 16 नाबालिगों को इनमें 15 लड़कियां और 1 लड़का शामिल थे इनको बरामद किया था। इन लड़कियों को झुंड में खड़े देख आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर को आशंका जाहिर हुई और यह लोग संदिग्ध लगे। आरपीएफ टीम ने जब लड़कियों से पूछताछ की तो इन लोगों ने बताया कि वैल्यू शॉप नाम की कोई कंपनी है जहां ट्रेनिंग और उसके बाद नौकरी दिलाने के नाम पर उनको बिहार ले जाया जा रहा है। इसी आधार पर सभी नाबालिगों को रेस्क्यू कर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया था। चाइल्ड लाइन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर आशीष मिश्रा ने विधिक प्रक्रिया अपनाने के बाद नाबालिग लड़कियों और लड़के को उनके परिजनों को सौंप दिया था। वहीं आरपीएफ की टीम इसकी जांच में जुटी हुई थी। जांच के दौरान मानव तस्करी से जुड़ा मामला पाया गया है। ऐसे में ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने गोंडा आरपीएफ पोस्ट पर मानव तस्करी की धारा 143 (5) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है और कम्पनी के काम काज की जांच में जुटी हुई है। 

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