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18 सूत्रीय मांग को लेकर गरजे शिक्षक

18 सूत्रीय मांगों के समर्थन में धरने पर बैठे माध्यमिक शिक्षक

मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपा

संघर्षों के दम पर बहाल होगी पुरानी पेंशन योजना-मार्कण्डेय सिंह

भ्रष्टाचार रोकने के लिए एनओसी विहीन ट्रांसफर नीति लाये सरकार-अनिरूद्ध त्रिपाठी

 वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय भुगतान की व्यवस्था हो- संजय द्विवेदी




 शुक्रवार को 18 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षक संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय पर धरने पर बैठे। धरनारत आक्रोशित शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाये। धरने के उपरांत मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन संयुक्त शिक्षा निदेशक ओम प्रकाश मिश्रा को सौंपा। धरने की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष गुलाब चंद्र मौर्या व संचालन मंडल मंत्री अरुण कुमार मिश्रा ने किया।

           प्रदेश उपाध्यक्ष मारकंडेय सिंह ने कहा कि संघर्षों के दम पर पुरानी पेंशन योजना पुनः बहाल होगी। सरकार को शिक्षक कर्मचारियों को पांच लाख रुपए तक का केसलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा देना चाहिए। प्रदेश उपाध्यक्ष अनिरूद्ध त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लेकर देश में क्रांति आएगी और लोकतंत्र की सरकार मजबूरी होकर इसे फिर से लागू करेगी।

          प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में शिक्षकों के स्थानांतरण के नाम पर करोड़ों रुपए वसूल किए गए है। सरकार को एनओसी विहीन ट्रांसफर नीति लाकर भ्रष्टाचार को रोकना होगा। वित्तविहीन शिक्षकों को सेवा सुरक्षा देने व सम्मान जनक मानदेय की व्यवस्था करने का उपाय किया जाना चाहिए। एनपीएस का हिसाब किताब ठीक किया जाय। अद्यतन कार्यरत तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किया जाय।

              धरने को बस्ती जिलाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह व दिनेश कुमार यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय वसूली का अड्डा बन गया है। इस पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के आर -पार का संघर्ष होगा। संत कबीर नगर जिलाध्यक्ष महेश राम व जिला मंत्री गिरिजानंद यादव ने कहा कि पेंशन, जीपीएफ, ग्रेच्युटी, सामूहिक जीवन बीमा, पदोन्नति, चयन वेतनमान, प्रोन्नत वेतन  के निस्तारण प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए। सिद्धार्थनगर जिला मंत्री राम विलास चौधरी ने कहा कि सरकार शिक्षक हितों की उपेक्षा कर रही है। सरकार को उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। 

                धरने में प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी,राम पूजन सिंह, प्रदीप पांडेय, जगन्नाथ पांडेय, विंध्याचल सिंह, विट्टू सिंह,अभय कुमार, अवधराज, अरविंद श्रीवास्तव, अंजू वर्मा, सुमिता वर्मा, कृपा शंकर गुप्ता, अमित त्रिपाठी, जय प्रकाश मिश्रा, अजय शुक्ला, महेंद्र प्रताप सिंह, शेष कुमार मौर्य, फागू लाल, रामेंद्र पांडेय, राम नरोत्तम, जुगुल किशोर, राम बहाल त्रिपाठी, भीम रत्न, रत्नेश कुमार, शंभू नाथ गुप्ता,आदित्य सिंह, संजय पांडेय, मोहम्मद ईसा, अभिषेक सिंह, प्रवीन श्रीवासतव, संत प्रकाश, राकेश सिंह, हरीश सिंह,अमीर हम्जा, मनोज प्रजापति, अनिल कन्नौजिया, ब्रह्मदेव सिंह, अजय गौतम, सुनील कुमार, शिवजीत कुशवाहा, विशाल पांडेय, मोतीलाल, सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।


1. प्रदेश के समस्त स्तर के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पूर्व प्रचलित भविष्य निधि पेंशन योजना (ओ.पी.एस., पुरानी पेंशन प्रणाली) लागू की जाय राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन.पी.एस.) समाप्त हो।

2. उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों की सेवाएँ स्थायी की जाय।

क. 09 नवम्बर 2023 के शासनादेश / विभागीय आदेश के द्वारा वंचित तदर्थ शिक्षकों को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उनके सम्बन्ध में शिक्षा विभाग से निर्गत विनियमितीकरण की विभिन्न आदेशो की परिधि में आने वाले शिक्षकों पर निर्णय लेकर माननीय उच्च न्यायालय में प्रेषित करें। जब तक न्यायालय से अंतिम निर्णय पारित न हो जाय तब तक पूर्व के कार्यरत शिक्षकों को कार्यरत रखते हुए वेतन दिया जाय।

ख.विनियमितीकरण की परिधि में न आने वाले दिनांक 09 नवम्बर 2023 तक कार्यरत एवं वेतन प्राप्त कर चुके शिक्षकों की लम्बी सेवा के दृष्टिगत सहानुभूति पूर्वक विचार कर सेवा के विनियमितीकरण पर सहृदयता पूर्वक निर्णय लिया जाय।


ग. एन.पी.एस. में वांछित राज्यांश की धनराशि उपलब्ध कराकर अद्यतन अभिदाता अंशदान सहित पूरी धनराशि जमा करायी जाय।

3. उ०प्र० माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सेवा दशा सुनिश्चित करने तथा उनको समान कार्य हेतु समान वेतन देने की शासन व्यवस्था करे।

4. उत्तर प्रदेश राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में राष्ट्रीय नीति 2020 के अनुसार छात्र शक्ति की प्रत्येक कक्षा हेतु वर्ग निर्धारण के आधार शिक्षक जनशक्ति का ऑकलन करते हुए ही समायोजन प्रक्रिया लागू हो।

5. राज्य कर्मचारी एवं शिक्षकों की भांति अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों के कार्यरत एवं अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाय।

6. आठवें वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की जाय। प्राप्त हो रहे 50 प्रतिशत महंगाई भत्तेh का वेतन का अंश मानते हए वेतन एवं अन्य भत्ता दिया जाय।

7. प्रदेश के राज्य कर्मचारियों के पेंशन गणना हेतु निर्गत आदेश संख्या-11 /2024/सा-3-727/10-19099/4/2024 वित्त (सामान्य) अनुभाग-3 लखनऊ दिनांक 12 जून 2024 का लाभ सहायिक माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी दिया जाय

8. केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति अवकाश ग्रेच्युटी एवं आवास भत्ते का लाभ प्रदेश के शिक्षकों कर्मचारियों एवं अधिकारियों को भी तत्काल दिया जाय।

9. सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत आमेलित विषय विशेषज्ञों की आमेलन के पूर्व की सेवाएँ जोड़ते हुए पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाय।

10. प्रदेश के कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उनकी योग्यता एवं सेवा को ध्यान में रखते हुए शिक्षक पद पर समायोजित किया जाय।

11. प्रदेश के कम्प्यूटर अनुदेशकों की पूर्व में की गई सेवाओं के आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने की स्थितिमें शिक्षक / अनुदेशक पद पर समायोजित किया जाय।

12. प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा के प्रत्येक स्तर के कार्यालयों में सिटीजन चार्टर लागू किया जाय ताकि कार्य विलम्ब एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।

13. सभी प्रकार के अवशेषों का भुगतान सुनिश्चित किया जाय।

14. प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा के परीक्षा एवं मूल्यांकन सम्बन्धी पारिश्रमिक को सी०बी०एस०ई० के समान किया जाय।

15. कक्षा-1 से कक्षा-8 तक की पाठ्य पुस्तकें तथा अन्य सुविधा माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को समय से उपलब्ध करायी जाय। कक्षा-9 से 12 तक की एन.सी.ई.आर. द्वारा प्रकाशित पुस्तकें सत्र के प्रारम्भ में उपलब्ध करायी जाय।

16. मानव सम्पदा पोर्टल की व्यवस्था की स्थिति में समयमान वेतनमान (चयन वेतन एवं प्रोन्नति वेतन) की प्रक्रिया सरल करते हुए वांछित तिथि से लागू की जाय।

17. सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में एनओसी विहीन स्थानांतरण नीति लाकर ट्रान्सफर को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाय।

18. अल्पसंख्य विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी रिक्त पद के प्रति स्थानांतरण सुविधा प्रदान की जाय।


   

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