बेगुनाह मुसलमानों की हत्या पर रोक लगेः राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
मंगलवार को भारत मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष आर.के. आरतियन और राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के जिला महासचिव रिफाकत अली के नेतृत्व में मोर्चा पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संयुक्त रूप से ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में मांग किया गया है कि बेगुनाह मुसलमानों की मॉबलीचिंग और हत्याओं को रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाया जाय।
ज्ञापन सौंपने के बाद मॉबलीचिंग की देश भर में अनेक स्थानों पर घटी घटनाओं, मुसलमानों की हत्या मामलों की विस्तार से जानकारी देते हुये मोर्चा जिलाध्यक्ष आर.के. आरतियन, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के जिला महासचिव रिफाकत अली ने कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र और राज्य में सरकारें बनी है मुसलमानों पर अन्याय और अत्ययाचार की घटनायें बढ गई हैं। फर्जी गोकशी, लब जेहाद के नाम पर उन पर जुल्म ढाया जा रहा है। यहां तक कि पुलिस कस्टडी और चलती ट्रेनों तक में मुसलमानों का जीवन सुरक्षित नहीं है। मांग किया कि इस प्रकार के जुल्म, अत्याचार पर रोक लगे।
राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में हत्या के दोषियों पर फास्ट टैªक कोर्ट में मुकदमा चलाकर कम समय ेंमें दण्ड दिये जाने, निर्दोष मुसलमानों की हत्या मामलों में आश्रितों को एक करोड़ रूपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, उनके बच्चों को पढाने की व्यवस्था, समाज में नफरत फैलाने वाले संगठनों पर पाबन्दी, विस्थापितांें को आर्थिक क्षति के मामलों में 50 लाख रूपये का मुआवजा, इस्लाम धर्म से जुडे धार्मिक धरोहरों के संरक्षण आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से मोहम्मद जावेद, हृदय गौतम, सुग्रीव चौधरी, मोहन कुमार, चन्द्र प्रकाश गौतम, अंकुर गौतम आदि शामिल रहे।
ज्ञापन सौंपने के बाद मॉबलीचिंग की देश भर में अनेक स्थानों पर घटी घटनाओं, मुसलमानों की हत्या मामलों की विस्तार से जानकारी देते हुये मोर्चा जिलाध्यक्ष आर.के. आरतियन, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के जिला महासचिव रिफाकत अली ने कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र और राज्य में सरकारें बनी है मुसलमानों पर अन्याय और अत्ययाचार की घटनायें बढ गई हैं। फर्जी गोकशी, लब जेहाद के नाम पर उन पर जुल्म ढाया जा रहा है। यहां तक कि पुलिस कस्टडी और चलती ट्रेनों तक में मुसलमानों का जीवन सुरक्षित नहीं है। मांग किया कि इस प्रकार के जुल्म, अत्याचार पर रोक लगे।
राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में हत्या के दोषियों पर फास्ट टैªक कोर्ट में मुकदमा चलाकर कम समय ेंमें दण्ड दिये जाने, निर्दोष मुसलमानों की हत्या मामलों में आश्रितों को एक करोड़ रूपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, उनके बच्चों को पढाने की व्यवस्था, समाज में नफरत फैलाने वाले संगठनों पर पाबन्दी, विस्थापितांें को आर्थिक क्षति के मामलों में 50 लाख रूपये का मुआवजा, इस्लाम धर्म से जुडे धार्मिक धरोहरों के संरक्षण आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से मोहम्मद जावेद, हृदय गौतम, सुग्रीव चौधरी, मोहन कुमार, चन्द्र प्रकाश गौतम, अंकुर गौतम आदि शामिल रहे।