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भाजपा राज में फाइलों में है मौसम गुलाबी-अखिलेश यादव

 



समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार के वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के सभी दावे झूठे और कागजी हैं। इस सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश की जनता मौसम की मार झेलने पर मजबूर है। इस साल भीषण गर्मी और लू से सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी। विकास के नाम पर विनाश करना भाजपा सरकार की फितरत है। नतीजतन प्राकृतिक असंतुलन के चलते मौसम, पर्यावरण में भारी अंतर आ गया हैं, जंगल सिकुड़ते जा रहे हैं। नए शहरों के नाम पर कंक्रीट के जंगल उगाए जा रहे है। पेड़ों का निर्ममता से कटान होने से पर्यावरण संतुलन बिगड़ता जा रहा है।

    भाजपा सरकार ने वृक्षारोपण अभियान को भी जुमलेबाजी बना दिया है। मुख्यमंत्री जी 2023 में 36 करोड़ 15 लाख से अधिक पौधारोपण का दावा करते है। इसके पहले 2022 में 35 करोड़ से ज्यादा, 2021 में 30 करोड़ से ज्यादा, 2020 में 25 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाने का दावा किया गया है। इससे पहले भी हर वर्ष पौधारोपण के बड़े-बड़े दावे किये गये है लेकिन ये वृक्ष कहां लगाये गये हैं इसका कोई विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया जाता है।

    भाजपा सरकार ने फाईलों की जगह अगर पौधारोपण जमीन पर किया होता तो भीषण गर्मी से जनता का इतना बुरा हाल न होता। इस भीषण गर्मी में जनता को कुछ राहत मिलती। गर्मी में सैकड़ों लोगों की जानें जा रही है। अस्पताल बीमारों से भरे पड़े हैं। उनके इलाज की सुचारू व्यवस्था न होने से जनता त्राहि त्राहि कर रही है।

    सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान एक बड़ा घोटाला बन गया है। भाजपा सरकार अब तक जितने पौधे लगाने का दावा करती आई है अगर उनका जोड़ हो तो प्रदेश में कोई जगह अब अगले वृक्षारोपण के लिए नहीं बची है। भाजपा का वृक्षारोपण महज एक कागजी कार्रवाई बन कर रह गया है।

    समाजवादी सरकार में बुन्देलखण्ड में वृक्षारोपण का रिकार्ड बना था। समाजवादी सरकार हमेशा से पर्यावरण को लेकर संवेदनशील रही है। राजधानी लखनऊ में डॉ0 राममनोहर लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्क का निर्माण कराया। जनेश्वर मिश्र पार्क को लंदन के हाईड पार्क की तर्ज पर लगभग उतने ही क्षेत्रफल में बनाया गया है। जहां हजारों लोग रोज स्वच्छ हवा का सेवन करते है। हजारों पेड़ लगाए गए। लखनऊ में गोमती नदी की सफाई की गई और गोमती रिवरफ्रंट बनाया गया। गोमती नदी के किनारे हजारों पेड़ लगाये गये। समाजवादी सरकार में पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण के कार्य बड़े पैमाने पर किये गये थे, जो आज जमीन पर दिखाई देते हैं।  

    भाजपा सरकार में वृक्षारोपण सिर्फ कागजों पर हुआ है। यह सरकार जितने  वृक्ष रोपने का दावा करती है अगर वे सच में लगाये गये होते तो आज पेड़ लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।

    भाजपा सरकार पौधारोपण के झूठे दावे कर रही है। पौधो के लिए गड्ढ़े खोदने-लगाने में भी घपले करके पर्यावरण को बिगाड़ने का ही भाजपा ने काम किया है। भाजपा सरकार आपदा में अवसर खोजती है। पौधारोपण में भी यह दावा सटीक लगता है। पौधारोपण की जांच की जाए तो वहां भी पता चलेगा कि भाजपा सरकार को जहां से पेड़ की सप्लाई हुई है वहां भी क्या उसने चुनावी चंदा वसूला है? अब तो जहां चंदा, वहीं धंधा भाजपा का नारा बन गया है।

              

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