Type Here to Get Search Results !

काव्य पाठ से हुआ नव संवत्सर का स्वागत,कवियों ने बांधा समा

न्यायमूर्ति सुधीर नारायण के आवास पर नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर हुआ काव्य पाठ

'हर क्षण लेकर आता हर बार नई कहानी'



प्रयागराज। नव-संवत्सर-2081 की पूर्व संध्या पर संस्कार भारती द्वारा चिंतामणि रोड स्थित न्यायमूर्ति सुधीर नारायण के आवास पर सोमवार को कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।

कवयित्री प्रीता बाजपेई की सरस्वती वंदना 'हे मां वाणी ऐसा वर दो जीवन सफल बनाएं' से कार्यक्रम शुभारंभ किया। कवि योगेन्द्र मिश्रा 'विश्वबन्धु' ने 'हर क्षण लेकर आता हर बार नई कहानी' प्रस्तुत किया।

कवि कलाकार रवीन्द्र कुशवाहा ने कविता रोटी सुनाकर तालियां बटोरी। शम्भूनाथ श्रीवास्तव शम्भु ने बसंती गीत पढ़ते हुए कहा 'पात झरे महुआ के धरे, मकरन्द भरे'। राजेश सिंह राज ने जीवन की विसंगतियों से भरी पंक्तियां 'कुछ सवालों के हल नहीं' प्रस्तुत किया। न्यायमूर्ति सुधीर नारायण की ओर से सभी को अंग-वस्त्र दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि जनकवि प्रकाश एवं मुख्य अतिथि एडवोकेट प्रदीप कुमार गुप्ता रहे। संचालन कर रहे डॉ.पीयूष मिश्र पीयूष ने नव-संवत्सर के स्वागत में गीत पढ़ा।

इनके अलावा डा. राजेन्द्र त्रिपाठी रसराज, धनंजय शाश्वत, कमलेश पाण्डेय कमल के काव्यपाठ से श्रोता झूम उठे। इस अवसर पर प्रेमलता मिश्रा, इन्दू खरे, मनोज गुप्ता, प्रियंका चौहान, डॉ जाहेदा खानम, डॉ सचिन सैनी, तलत महमूद, एडवो. संतोष जैन, सुशील राय, राजन जी, डा. अशोक शुक्ल, पंकज पाण्डेय, रेखा तिवारी, राजकुमारी, संगीता राय, रंजना त्रिपाठी, समाज शेखर, बालकृष्ण पांडेय, शुभम कुशवाहा, मनू खरें, डॉ पी. के. सिन्हा, भानु प्रसाद तिवारी आदि गणमान्य जन उपस्थित रहे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad