हिंदी नव वर्ष के पूर्व संध्या पर हजारों की संख्या में साधु संतों ने भगवान राम के मंदिर रामकोट की सांस्कृतिक सीमा की प्रतिमा की और हिंदी नव वर्ष का स्वागत कर रहे हैं चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पूर्व संध्या पर भगवान के स्वरूप और गाजे बाजे के साथ हजारों की संख्या में साधु संत रामनगरी की सड़कों पर उतरे और हिंदी नव वर्ष के पूर्व संध्या के मौके पर रामलला के मंदिर की सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा करते हुए हिंदी नव वर्ष का शुभारंभ किया कल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है ऐसे में कल से हिंदी नव वर्ष प्रारंभ होगा जिसको लेकर विक्रमादित्य महोत्सव समिति के द्वारा साधु संतों के साथ रामलला के सांस्कृतिक सीमा यानी कि रामकोट की परिक्रमा की गई है।
रामकोट की परिक्रमा 2005 से लगातार की जा रही है. और अब भगवान राम लला का भव्य मंदिर बन चुका है. जब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गये हैं अब आने वाले दिनों मे ये परिक्रमा अयोध्या आने वाले श्रद्धालु भी करेंगे. ये परिक्रमा हर वर्ष नव संवत की पूर्व संध्या पर की जाती है. आज सोमवार को साधु संतों ने पूजन के बाद राम कोट की परिक्रमा गाजे-बाजे के साथ की।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने कहा कि भारतीय नव वर्ष 2024 का प्रारंभ कल से हो रहा है भारतीयों का जीवन विक्रमि संवत के हिसाब से चलता है पिछले 20 वर्षों से साधु संत हिंदी नव वर्ष के प्रारंभ की पूर्व संध्या पर भगवान श्री राम के जन्म स्थल की परिक्रमा करके आने वाले हिंदी नव वर्ष देश और समाज के शुभ होने की प्रार्थना करते हुए नव वर्ष का स्वागत करते हैं परिक्रमा टेढ़ीबाज़ार से प्रारंभ होती है हनुमानगढ़ी,रामकोट,दुराही कुआ राम जन्मभूमि की परिक्रमा होती है।
विक्रमादित्य महोत्सव समिति के संरक्षक सांसद विनय कटियार ने कहा की परिक्रमा हर साल होती है पिछले 20 वर्षों से हिंदी नव वर्ष के मौके पर राम मंदिर के सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा की जाती है रामलला का मंदिर बन चुका है आगामी दिनों में और भी भव्यता के साथ मंदिर पूर्ण होगा अयोध्या में पूरा देश आएगा सभी राम भक्त रामलला की जन्मभूमि पर अपने आराध्य का दर्शन करेंगे।
राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि हिंदी नव वर्ष का कल से प्रारंभ हो रहा है उसकी पूर्व संध्या पर हम सभी लोग भगवान श्री राम के जन्म स्थान की परिक्रमा कर रहे हैं सारे देश और सारे भक्तों को यह संदेश देंगे कि अब हमारा नव वर्ष प्रारंभ हो रहा है नव वर्ष की अगुवाई में हम लोग साधु संतों के साथ परिक्रमा कर रहे हैं।