आठ साल पहले पिता ने जिस धूमधाम से पुत्री को शादी करके बिदा किया था तलाक के बाद ढोल बाजे के साथ वापस मायके लाए बाबुल।
कानपुर: आठ साल से घुट-घुटकर जी रही उर्वी को तलाक के बाद उसके पिता रविवार को ठीक उसी तरह ससुराल से विदा करके लाए, जैसे उसे ससुराल भेजा था। हाथ में शादी की आंसू चुनरी लिए उर्वी पिता व सगे-संबंधियों के साथ ढोल के साथ ससुराल पहुंची। घर के दरवाजे पर चुनरी बांधी और इसके बाद ढोल बजाते हुए षम सभी मायके लौटे। पिता ने कहा जिस बेटी को पिता ने बहू बनाकर उसके ससुराल भेजा था, अब उसे फिर बेटी बनाकर घर लाए हैं। बेटी व पांच साल की नातिन की जिम्मेदारी वह खुद उठाएंगे।
बेटी के जन्म के बाद अलग रहने लगा था पतिः उर्वी का आरोप है कि पहले तो दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था लेकिन 2019 में उसने बेटी को जन्म दिया तो पति आशीष रंजन और ताने मारने लगा। उसे व मासूम बेटी को छोड़कर अलग रहने लगा था।
जो चुनरी ओढ़कर उर्वी मायके से ससुराल आई थी, तलाक के बाद वही चुनरी उसने ससुराल के गेट पर बांधी। इस दौरान उसके आंसू भी छलक पड़े।
निरालानगर, दीप सिनेमा के सामने रहने वाले बीएसएनएल से रिटायर्ड अनिल कुमार सविता ने बताया कि इकलौती बेटी 36 वर्षीय उर्वी इंजीनियर है और दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर
कार्यरत है। 2016 में बेटी की शादी विमाननगर, चकेरी के रहने वाले गोपाल प्रसाद के बेटे आशीष रंजन से हुई थी। आशीष कंप्यूटर इंजीनियर है और दिल्ली में ही नौकरी करता है। शादी के बाद से बेटी-दामाद दिल्ली में रहने लगे। पिता का आरोप है कि दहेज में कार व फ्लैट की मांग कर बेटी को प्रताड़ित किया जा रहा था। बेटी के रंग-रूप को लेकर ससुरालीजन ताने भी मारते थे।
पिता अनिल ने बताया कि बेटी के नाम दिल्ली में फ्लैट खरीदकर दिया, जिसे दामाद अपने नाम कराना चाहता था। ऐसे में उन्होंने बेटी का मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न शुरू कर दिया तो पहले पुलिस से शिकायत की, फिर कोर्ट में केस किया। 28 फरवरी को कोर्ट से तलाक हो गया। शनिवार को बेटी दिल्ली से कानपुर आई। रविवार सुबह परिवार के लोग रामादेवी चौराहे के पास स्थित मलिक गेस्ट हाउस में एकत्र हुए। वहां से बेटी के ससुराल पहुंचे। घर के दरवाजे में चुन्नी बांधते समय उर्वी के आंसू छलक आए। आसपास के लोग निकल आए पर आशीष के घर से कोई नहीं निकला। बस छत में जेठानी गीता एक बार नजर आईं। इस दौरान जन चेतना नवयुवक सेवा समिति के अध्यक्ष विष्णु कुमार, समाज सेवी वैष्णव लांबा, शिखा सोनी व वसुंधरा सिंह मौजूद रहीं।