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पुरानी पेंशन को लेकर विरोध में शिक्षक ,बनाई रणनीति

 एनपीएस कटौती की धनराशि सुरक्षित नहीं -चेत नारायण सिंह

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रांतीय बैठक सम्पन्न

संगठन की दृष्टि से कमजोर ज़िलों में सदस्यता प्रभारी नियुक्त किए जाएँगे।



लखनऊ। रविवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की प्रांतीय बैठक शिक्षक सदन पर संपन्न हुई।बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व संचालन महामंत्री राम बाबू शास्त्री ने किया।प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि एनपीएस कटौती की धनराशि सुरक्षित नहीं है। सरकार एनपीएस के कर्मचारी व सरकारी अंशदान के नियमित रख रखाव में असफल रही है। सरकार को 31 मार्च के पहले एनपीएस के प्रान एकाउंट् को अपडेट करना पड़ेगा।शिक्षकों के बकाया अवशेष भुगतान की समीक्षा प्रदेश के 75 जनपदों में कराई जाय। संगठन की दृष्टि से कमजोर ज़िलों में सदस्यता प्रभारी नियुक्त किए जाएँगे।

                     डा.सुरेश कुमार तिवारी ने कहा कि पदाधिकारी ज़िला विद्यालय निरीक्षक व संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों में जाकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन जीपीएफ़ भुगतान की समीक्षा करें। संत सेवक सिंह ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को न्यायालय से रिलीफ़ मिल रहा है। तदर्थ शिक्षकों के सहयोग के लिए संगठन को भी कोर्ट जाना चाहिये। राम मोहन शाही ने गोरखपुर जनपद के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीपीएफ़ भुगतान का मुद्दा उठाया।

             मार्कण्डेय सिंह ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिये जुलाई माह में ज़िला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरने का आयोजन किया जाय। संजय द्विवेदी ने कहा कि सरकार प्रदेश के 75 जनपदों में जीपीएफ एकाउंट् की एसआईटी जाँच कराये और शिक्षकों के बकाया जीपीएफ़ ब्याज को जमा कराया जाय। ज़िला विद्यालय निरीक्षक कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्ठाचार को बंद कराया जाय। नरसिंह बहादुर सिंह ने कहा कि शून्य सदस्यता वाले जनपदों में प्रांतीय पदाधिकारियों को भेजकर सदस्यता बढ़ाई जाय।

                  बैठक को सदस्य विधान परिषद राज बहादुर सिंह चंदेल, अशोक कुमार श्रीवास्तव, डा.मेजर देवेंद्र सिंह,नरसिंह बहादुर सिंह,अनिरुद्ध त्रिपाठी,मार्कण्डेय सिंह, राम पूजन सिंह, संजय द्विवेदी, डा.सुरेश कुमार तिवारी, रामानन्द द्विवेदी, राम मोहन शाही, अजय प्रकाश सिंह, स्वराज पाल दुहनूँ, डा.दिनेश सिंह राणा, जय प्रकाश शर्मा, अलाउद्दीन, डा.दिनेश चंद्र पचौरी, राजेंद्र तिवारी, महेश चंद्र शर्मा, वीरेंद्र प्रताप सिंह, अरुण कुमार सिंह, श्री नारायण दुबे,भगवान स्वरूप शर्मा, संत सेवक सिंह, डा.राकेश सिंघ, डा.श्रवण कुमार तिवारी सहित अनेक लोगों ने संबोधित किया।

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