22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का पीएम नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे, राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बस्ती जिले में भी जश्न का माहौल है, भगवान राम का बस्ती की धरती से पुराना नाता है, यह वही धरती है जहां मखौड़ा के मनवर नदी के तट पर महर्षि श्रृंगी ऋषि ने राजा दशरथ को पुत्रेष्ठ यज्ञ कराया था जिसके बाद उनके चार पुत्र प्राप्त हुए, त्रेता युग में भगवान राम का राज्य 84 कोस में फैला हुआ था और जब भरत वन से भगवान राम का चरणपदुका लेकर वापस आए थे तो वो पूरे राज्य में खड़ाऊ लेकर घूमने के बाद बस्ती के रास्ते पुनः अयोध्या गए थे और खड़ाऊ को राजसिंहासन पर रखे थे. तभी से ये मान्यता है की जो भी व्यक्ति 84 कोसी परिक्रमा को कर लेता है उसको 84 लाख योनियों से मुक्ति मिल जाती है और वह जीवन मरण के बन्धन से भी मुक्त हो जाता , राजा दशरथ के सन्तान नही थे कुलगुरु बशिष्ठ के कहने पर राजा दशरथ ने श्रृंगी ऋषी को बुलवाकर पुत्रेष्ठि यज्ञ कराया था जिसमें उनको 4 पुत्र की प्राप्ति हुई, राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न तभी से यह मख क्षेत्र मनोरमा नदी का पवित्र तट है, अयोध्या में भगवान राम से जुड़े कार्यक्रम में इस जगह की मिट्टी व जल को शामिल किया जाता है।
बीजेपी विधायक अजय सिंह राम मंदिर के उद्घाटन के लिए मखौड़ा से 84 कोसी परिक्रमा शुरू की है, परिक्रमा मखौड़ा से होकर 21 किलोमीटर की दूरी पैदल चल कर रामरेखा मंदिर पहुंचेगी, 84 कोसी परिक्रमा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, उन्होंने बताया के बस्ती के मखौड़ा धाम में पुत्रेष्ठ यज्ञ के बाद अयोध्या में भगवान राम और उनके भाइयों का अवतरण हुआ था, आज हम लोग 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मखौड़ा से राम रेखा तक 21 किलोमीटर की पद यात्रा निकले हैं, 84 कोसी परिक्रमा का राम रेखा पहला पड़ाव है, लोगों में उत्साह का माहौल है, बड़ी संख्या में लोग यात्रा में शामिल हो रहे हैं।