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लोगों के जान से खिलवाड़ कर रहा स्वास्थ्य महकमा,इलाज को लेकर हो जाये सावधान

जिला अस्पताल में एक्सपायर दवा देने के बाद बिगड़ी बच्चे की तबियत



 जिला अस्पताल में ड्रिप के जरिए बुखार की दवा देने के बाद वहां भर्ती एक बच्चे की तबियत देर शाम बिगड़ गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि एक्सपायर्ड दवा दे दिए जाने से ऐसा हुआ। उसके शरीर पर दाने व चकत्ते पड़ गए। परिजन इसके बाद उसे जिला अस्पताल से निकालकर एक निजी अस्पताल ले

गए। राजकीय काँलेज अकबरपुर में लैब टेक्नीशियन के तौर पर कार्यरत जितेंद्र सिंह के पुत्र आरव सिंह (5) को तेज बुखार हुआ। इस पर उसे जिला अस्पताल में परिजनों ने भर्ती करा दिया। वहां उसे बुखार कम करने के लिए दवाएं दी गई। परिजनों का आरोप है कि शाम को दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव से आरव के शरीर पर कई जगह चकत्ते व दाने पड़ गए।

परिजनों के अनुसार दवा का रिएक्शन देख वे सब घबरा गए। आरव के शरीर पर चकत्ता पड़ने लगे। बुखार की दवा पैरासिटामाल इंफ्यूजन की बोतल लग गई। उस पर एक्सपायरी वर्ष 2022 अंकित था लेकिन कागज चिपकाकर एक्सपायरी का वर्ष 2024 किया गया था।

परिजनों ने लगाया एक्सपायर्ड दवा देने का आरोप, जिला अस्पताल में भर्ती 5 वर्षीय बच्चे को एक्सपायर हो चुकी इन दवाओं का जिला अस्पताल में प्रयोग करने का आरोप लगाया। परिजनों ने इसे लेकर गहरी नाराजगी जताई। कहा कि एक्सपायर्ड दवा देने से ही यह दिक्कत हुई है। इसके बाद परिजन बालक को लेकर एक निजी अस्पताल चले गए।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राज कुमार ने बताया कि परिजनों द्वारा शिकायत की गई है। मामले की जांच की जा रही है।

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