बच्चों ने कराई चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग बच्चों ने बनाया लैंडर-रोवर का मॉडल काउंटडाउन के साथ उतारा नीचे
चंद्रयान-3 की सफलता पर कस्तूरबा साऊॅघाट के बच्चों ने एडी बेसिक संजय शुक्ला की मौजूदगी में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का न सिर्फ मॉडल तैयार किया, बल्कि काउंटडाउन के साथ बच्चों ने बाकायदा विक्रम लैंडर को आसमान से नीचे उतारा जैसे कि इसरो के वैज्ञानिक विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर उतारेंगे। एसआरजी आशीष श्रीवास्तव एवं विज्ञान के एआरपी राकेश कुमार पांडे नहीं बताया कि छात्र-छात्राओं ने ड्राइंग कॉन्टेस्ट में प्रतिभाग करके चंद्रयान-3 पर ड्राइंग व मॉडल बनाकर प्रस्तुत किया और जिसमें चंद्रयान-3 के बारे में विस्तार से बताया। इसके उपरांत छात्रों ने कामयाब का सामूहिक गायन भी किया। एडी बेसिक संजय शुक्ला ने कहा यह भारत के हर व्यक्ति के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर ले जाते हुए ऊंचाइयों को छू रहा है यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है मैं उनके उत्साह और प्रतिभा को सलाम करता हूँ एसआरजी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आज हम लोगों ने चंद्रयान डे को सेलिब्रेट किया है। हमारे कस्तूरबा स्कूल के बच्चों ने मॉडल बनाए रोवर कैसे स्पेस में काम करता है इसकी जानकारी शिक्षकों द्वारा बच्चों को दी गई वही साऊॅघाट के एआरपी राकेश कुमार पांडे ने बताया कि ये हम सबके बहुत खुशी की बात है कि चंद्रयान 3 जल्द ही चंद्रमा पर उतरने वाला है। बच्चों को चंद्रयान के बारे में जानकारी दी जा रही है एस्ट्रोनॉमी वर्कशॉप कराई गई है इसके साथ बच्चों को ये भी बताया जा रहा है कि भारत दुनियां का पहला ऐसा देश बनने जा रहा है, जिसका चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश भारत बनेगा कस्तूरबा साऊॅघाट वार्डन माधुरी त्रिपाठी ने बताया कि पृथ्वी से चन्द्रमा तक 3,84,400 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इस बार भारत चन्द्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश हो जाएगा। अभी तक चन्द्रमा पर पहुंचने में चीन, अमेरिका और रूस ने सफलता प्राप्त की है।
चन्द्रयान 3 मिशन में विक्रम लैंडर तथा प्रज्ञान रोवर शामिल हैं। रोवर चन्द्रमा की सतह पर उतरकर चलने का कार्य करता है। इस मिशन में राकेट लांच वाहन मार्क LVM 3 है। जोकि चन्द्रयान 2 में शामिल GSLV MK-2 के मुकाबले अधिक शक्तिशाली है। चंद्रयान 3 का मॉडल बनाने में कस्तूरबा वार्डन माधुरी त्रिपाठी अभिलाषा शर्मा विज्ञान टीचर गीता पाल सीमा रानी खुशबू उपाध्याय बीना पाल के साथ-साथ बच्चे श्रेया चौधरी गीतांजलि खुशबू रिया अन्य शिवानी श्री राव प्रिया श्रुति बच्चों ने एसआरजी आशीष श्रीवास्तव और एआरपी राकेश कुमार पांडे की देखरेख में टीवी पर भी चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कार्यक्रम देखा और मॉडल को को भी प्रस्तुत किया जिला समन्वयक प्रशिक्षण स्वप्निल श्रीवास्तव ने बताया कि चंद्रयान 3 तथा चन्द्रयान 2 दोनों मिशनों को इसरो के द्वारा लांच किया गया है और इनके उद्देश्य भी समान हैं लेकिन यह दोनों मिशन राकेट की बनावट, योजना और शक्ति के अनुसार भिन्न हैं।
विक्रम लैंडर को चन्द्रयान 2 के मुकाबले चन्द्रयान 3 में अधिक शक्तिशाली और सक्षम बनाया गया है। जिसके कारण इस पर इसरो के द्वारा अधिक प्रभावी कंट्रोल रहेगा। यही कारण है कि इस बार भारत चन्द्रयान 3 की सफलता का परचम विश्व में फैलाएगा।