2 वर्ष के नन्हे शिवभक्त कावड़िया को देख कर भाव विभोर हुए लोग, पुष्प वर्षा एवं माल्यार्पण कर नन्हे कांवरिये का बस्ती जनपद की सीमा में प्रवेश करते ही किया गया भव्य स्वागत
समाजसेवी हरिद्वार मिश्रा ने पुष्प वर्षा कर और अंग वस्त्र देकर कांवरियों को किया सम्मानित, जत्था हुआ रवाना।
पवित्र सावन का महीना शुरू होने के साथ ही बुधवार से कावड़ यात्रा आरंभ हो गई है और जल भरने हेतु कांवरियों के अयोध्या पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। एक पखवाड़े तक चलने वाली कावड़ यात्रा में शिव भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर यहां से सरयू नदी का जल लेकर वापस जाएंगे और अपने अपने गांव और क्षेत्रों स्थित शिवालयों निश्चित त्रयोदशी के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। एक पखवाड़े तक अयोध्या,बस्ती समेत अन्य शिवालयों पर भोले बम और बम बम की गूंज बनी रहेगी। समाजसेवी हरिद्वार मिश्रा ने बताया ,विभिन्न ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि सबसे पहले गुरु द्रोणाचार्य ने गंगा नदी से जल भर कर मेरठ के पास पुरा महादेव मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक किया था। अन्य धर्म आचार्यों ने बताया कावड़ को श्रवण कुमार की कथा के साथ भी जोड़ा जाता है जिन्होंने अपने अंधे मां-बाप को कावड़ में बैठाकर तीर्थ यात्रा कराई थी।