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सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कविता के जरिये दी सफाई

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने कविता के जरिये बताई अपनी पीड़ा


दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए गए आरोपों के बाद WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने एक कविता गाते हुए भावुक नजर आए। कहा मुझे कविता याद आ रही है आज के समय में कि जिस दिन जीवन के हानि लाभ पर उतरूंगा,जिस दिन संघर्षों में जाली लग जाएगी,जिस दिन जीवन की लाचारी मुझ पर तरस दिखाएगी, उस दिन जीवन से मृत्यु कहीं बढ़ जाएगी।

मित्रों जिस दिन मैं अपने जीवन की समीक्षा करूंगा क्या खोया क्या पाया है, और जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मेरे संघर्ष करने की क्षमता अब समाप्त हो गई है। जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मैं लाचार हूं बेचारा हूं। ऐसी जिंदगी जीना मैं पसंद नहीं करूंगा और चाहूंगा ऐसी जिंदगी जीने के पहले मृत्यु मेरे करीब आ जाए। वही कविता का वीडियो सामने आने के बाद से लगातार लोगों की सहानुभूति मिल रही है।

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