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आसान भाषा मे जानिये लैंगिक समानता

 डिजिटल टेक्नोलाजी बन सकती है लैंगिक समानता का सशक्त माध्यम - डॉ. रीता पाण्डेय  

बस्ती। जिले में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के तहत जिले में 22 फरवरी से 03 मार्च तक चलाये जा रहे विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमो के अवसर पर कई प्रकार की प्रतियोगिताएं की जा रहीं हैं। इस मौके पर विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली व युवा विकास समिति द्वारा जेल रोड स्थित पी.एस.वी.एम. हाईस्कूल में डिजिटल टेक्नोलाजी के जरिये जेंडर समानता को लेकर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं नें भाषण प्रतियोगितापेंटिंग प्रतियोगितानिबंध प्रतियोगिता प्रतियोगिता के माध्यम से महिलाओं लैंगिक समानता के प्रमुख मुद्दों पर अपनी बात रखने की कोशिश की।
इस मौके पर प्रधानाचार्य डॉ. रीता पाण्डेय ने छात्र- छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में तेज़ी से बदलते परिदृश्य में डिजिटल डिलीवरीऔर रिमोट लर्निंग में प्रगति द्वारा देश की वंचित आबादी के लिए न्यायसंगत भविष्य का मार्ग तैयार किया जा सकता है. महिलाओं के लिए समान रूप से ऑनलाइन शिक्षा में शामिल होने के लिए इन अंतरों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने वाला दृष्टिकोण बेहतर परिणाम दे सकता है.

उन्होंने कहा की भारत में महिलाओं को अक्सर तीन मोर्चों पर नुकसानदेह हालातों का सामना करना पड़ता है. डिजिटल विषमताओं का ये लैंगिक स्वरूप इन्ही परिस्थितियों का परिणाम है. इस सिलसिले में सबसे पहले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई की बात सामने आती है. ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड का प्रसार सिर्फ़ 29 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 51 प्रतिशत है. देश के राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के पास मोबाइल फ़ोन होने की संभावना शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के मुक़ाबले कम है.



सामाजिक कार्यकर्ता माधुरी नें कहा की देश में लैंगिक समानता लाने हेतु यौन शोषणघरेलू हिंसा और असमान पारिश्रमिक से संबंधित कानूनों को भी मजबूती दी जा रही है। डिजिटल सेक्टर की एक्सपर्ट तुलिका नें कहा कि शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों के साथ भेदभाव अधिक होता है. सामाजिकराजनीतिकआर्थिक क्षेत्र में लैंगिक समानता होनी चाहिए।इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह पूर्वक अपने विचार रखे और पेंटिंग में उत्साह दिखाते हुए पेंटिंग के माध्यम से महिलाओं के सम्मान में आकर्षक चित्रकला का प्रदर्शन किया। जिसमें से सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग को पुरस्कृत किया गया साथ ही प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 100 प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया पुरस्कृत होने वाले छात्र-छात्राओं में खुशबू, संध्या उपाध्याय, लक्ष्मी भारद्वाज, नंदनी, श्रेया गौतम, नीलम, आस्था, दुर्गावती चौहान शामिल रहें। इस मौके पर बृहस्पति कुमार पाण्डेयपरशुराम चौधरी पूनम चौधरीआर.के. पुरीकंचन शाहरणधीर यादवदीपक चौधरी,रिषभ चौधरीसरिता चौधरीशैलू पाण्डेयप्रियंका सिंह सीमा पाल, मानसी चौधरी, विशाल कुमार  सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।

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