शादी की रस्में छोड़ धरने पर बैठी दुल्हन, जमीन और सम्मान की रक्षा के लिए उठाया कदम
शादी की रस्में छोड़ मेहंदी लगाकर एक दुल्हन धरने पर बैठ गई। धरने पर बैठी दुल्हन का कहना था की जमीन और सम्मान की रक्षा से बड़ी शादी नहीं है। ज़ब तक न्याय नहीं मिलेगा तब वह शादी नहीं करेगी।
दरअसल आपको बता दे की पूरा मामला बागपत के बिजरोल गांव का है। जहां गांव मे उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब, दिल्ली देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर के लिए, भूमि अधिग्रहण को लेकर, चल रहे विवाद में, एक दुल्हन शादी की सभी रस्मे छोड़कर धरने पर बैठ गई। धरने पर बैठी दुल्हन का कहना था कि, एनएचएआई की टीम उनकी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करना चाहती है। जबकि उन्होंने 5 एकड़ भूमि पहले ही एनएचएआई को दे दी थी। जिसका उन्हें मुआवजा भी मिल गया था, लेकिन अब बची एक बीघा भूमि को भी एनएचएआई अवैध रूप से कब्जा करना चाहती है, जो किसी भी सूरत मे बर्दास्त नहीं होगा।अपने मान सम्मान ओर जमीन की रक्षा के लिए धरने पर बैठी दुल्हन का कहना है की ज़ब तक उसके परिवार को न्याय नहीं मिलेगा तब तक वह शादी के मंडम मे नहीं बैठेगी। हालांकि आज दुल्हन बनी वंशिका की बारात मुज़फ्फरनगर से आने वाली है। अपने परिवार के साथ धरने पर बैठी दुल्हन की खबर आग की तरह फैलते ही जिला प्रशासन मे भी हड़कंप मच गया। अब देखना यह होगा की प्रशासन इस ओर क्या कदम उठाता है ।