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वक्फ संशोधन पर छलका पूर्व सांसद का दर्द

 खुद को पीड़ित बताते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने किया वक्फ संशोधन बिल का स्वागत।





 वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास होने पर भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण ने कैमरे पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा विपक्ष के लोग हर विषय पर राजनीति करते है। मोदी जी की सरकार बनने के बाद सैकड़ो कानून अंग्रेजों के समय में ऐसे बनाए गए थे जिनकी कोई जरूरत नहीं थी उनको समाप्त किया गया। जैसे 370 से जम्मू कश्मीर की समस्या उसको ठीक किया गया और इस बिल से किसी को कोई नुकसान नहीं है, अब इसका दुरुपयोग कैसे होता है हम नहीं जानते हैं। लेकिन एक घटना मेरे साथ स्वयं घटी है, बहराइच में एक कोठी थी उसको हमने अपनी पत्नी के नाम बैनामा कराया, अब उस कोठी पर किसी गुप्ता जी को सन 1912 में पट्टा मिला था, गुप्ता जी ने कोठी बनाई फिर किसी कारण से बहराइच दरगाह शरीफ को कोठी बेच दी, 1922 में दरगाह शरीफ ने उस कोठी को वापस कर दिया, फाइल फ्री होल्ड के लिए गई तब उन लोगों ने ऑब्जेक्शन किया कि एक बार जो प्रॉपर्टी वक्फ के पास आ जाती है फिर किसी के पास जा नहीं सकती है, फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर फ्री होल्ड हुआ और मैंने उसको बैनामा कराया, कोठी पर मेरा कब्जा है लेकिन मैं केस लड़ रहा हूं। आज दरगाह शरीफ वाले वक्फ का हवाला देकर केस लड़ रहे हैं, तो ऐसे देश में कितने लोग प्रभावित होंगे मैं नहीं जानता पर एक केस में लड़ रहा हूं। पूरा पैसा देकर के हाईकोर्ट के आदेश पर फ्री होल्ड हुआ, एक जज साहब उनका नाम नहीं लेना चाहता वह हमारा नाम सुनकर ही स्टे कर दिए, फिलहाल स्टे कैंसिल हो गया, कोठी हमारे पास है वह जनता जनार्दन के काम आता है, रेसलिंग एकेडमी चलती है, लेकिन केस लड़ रहा हूं, इससे मुस्लिम समाज भी प्रभावित है, इसलिए मुस्लिम समाज के लोग चढ़कर स्वागत कर रहे हैं, अगर मोदी सरकार ने फैसला लिया है, गृहमंत्री ने किसी विषय को उठाया है तो वह पूरा होगा और जनता के हित में होगा, राज्यसभा में चर्चा को लेकर के बात की गई तो उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भी पास हो जाएगा।

 राहुल गांधी द्वारा वक्फ संशोधन बिल पर हमला किया जा रहा है इसका जवाब देते हुए बृजभूषण ने कहा कि वो बेचारे राहुल गांधी, यही तो मैं कह रहा हूं उनका अध्ययन जो है, जब उनके सलाहकार हैं वह बड़े क्या नाम दें उनको बड़े हल्के में लेते हैं, वह राहुल गांधी को गंभीर होने ही नहीं देते, उनको अध्ययन करना चाहिए और हर बात पर एक ही बांसुरी, एक ही राग नहीं चलता है, राग को बदल करके जरा गंभीरता से चलाओ देश को, आपके राग की जरूरत है, आप अच्छा राग बजाओ लेकिन आप अच्छा राग बजाते ही नहीं है। कभी अडानी कभी अंबानी कभी वह। 

 भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में 10 मेडल आए हैं पर गोल्ड सिर्फ एक आया है इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि एक समय था जब हमारे 17, 18, 19 मेडल आते थे दो - तीन गोल्ड मेडल आ जाते थे लेकिन जो 10 मेडल आए हैं एक उपलब्धि है लगभग ढाई साल से ऊपर हो गया कुश्ती प्रभावित है, कैंप नहीं लग रहा है, तो कैम्प  खिलाड़ियों का फोकस सिर्फ कुश्ती पर होता है। कैंप न चल पाने से बच्चे डिस्टर्ब होते इसी वजह से थोड़ा नुकसान हुआ है। लेकिन फिर भी 10 मेडल आए हैं उसके लिए भारत के खिलाड़ियों को बधाई देता हूं।

 सात अप्रैल से लगने वाले कैम्प को लेकर बृजभूषण ने कहा कि कैंप की व्यवस्था हो गई है, अभी फेडरेशन के अध्यक्ष जी से मेरी बात हुई है, लड़कियों की गुजरात में, लड़कों का पुणे में बात चल रही है, उनके पास जगह थोड़ी कम है। कैंप लगेगा अब बहुत जल्दी बच्चे स्पीड पकड़ लेंगे, अखाड़े की भी संख्या घट गई थी, टूर्नामेंट नहीं हो पा रहे थे, जो बीत गया वह बीत गया, आगे अच्छा होगा, हमारे लड़के बहुत अच्छे हैं। बृजभूषण शरण सिंह से जब सिर्फ एक गोल्ड आने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दीपक पूनिया का देखिए गोल्ड आते - आते बच गया, कुश्ती ढाई 3 साल से प्रभावित है, इसके बावजूद भी अगर 10 मेडल आता है तो अपने आप में छोटी उपलब्धि नहीं है, आने वाले समय में सब ठीक हो जाएगा।

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