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संत गाडगे को भारत रत्न देने की उठी मांग


जयन्ती पर याद किये गये संत गाडगे, भारत रत्न देने की उठी मांग
संत गाडगे को जयन्ती पर संगठनों ने याद किया, बताया महा समाज सुधारक
अंधवश्विस के खिलाफ आजीवन लड़े संत गाडगे

बस्ती, 23 फरवरी। भारत मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष आर. के. आरतियन के संयोजन में महान संत गाडगे के जयन्ती अवसर पर उन्हें याद किया गया। कटरा चौराहा स्थित संत गाडगे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लोगों ने प्रेस क्लब में सभा कर उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा किया। मोर्चा जिलाध्यक्ष आर. के. आरतियन के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. आरके आनंद ने कहा गाडगे अंधविश्वास खिलाफ संघर्ष करने वाले संत थे।

मानवता ही उनके लिए सबसे बड़ा धर्म था। समाज के लोगों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। मजदूरों और किसानों के लिए उनकी सोच हमेशा सकारात्मक रहेगी। सामाजिक कार्यकर्ता चन्द्रिका प्रसाद ने कहा कि संत गाडगे जी महाराज को मरणोपरान्त भारत रत्न दिया जाय जिससे नई पीढी उनके योगदान से परिचित होने के साथ ही प्रेरणा ले। बहुजन मुक्ति पार्टी के मण्डल अध्यक्ष हृदय गौतम ने कहा कि संत गाडगे जैसे ऐसे महान संत के जीवन से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिये।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के मंडल महासचिव ठाकुर प्रेम नंदवंशी, बुद्धप्रिय पासवान ने कहा गाडगे एक संत और समाज सुधारक थे. व्यापक रूप से महाराष्ट्र के सबसे बड़े समाज सुधारकों में से एक के रूप में माना जाता है, उन्होंने कई सुधार किए हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में वामसेफ, बहुजन मुक्ति पार्टी, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, बुद्धिष्ट इंटरनेशनल नेटवर्क, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा सहित कई संगठनों का सहयोग रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता आरके गौतम ने की। चन्द्रप्रकाश गौतम, रंगई प्रसाद, भन्ते प्रज्ञानंद, अमरजीत आर्या, डा. फिरफाकत अली, रामसुमेर यादव, सरिता भारती, दयाशंकर, राजेन्द्र कुमार, मो. आरिफ, रामानंद कनौजिया, रामनरेश चौधरी, रामसमुझ, विनय कुमार, राजेश, बुद्धेश राना, दिनेश चौधरी, रामअवतार, सतेन्द्र सहाय, आत्मा प्रसाद आदि उपस्थित थे।

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