अलीगढ़ : विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सुरेंद्र मोहन सहाय के न्यायालय में बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी मंदिर की पुजारी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास व ₹50000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
शासकीय अधिवक्ता महेश सिंह ने बताया कि थाना सासनी गेट क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी बच्ची के बाबा ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उनकी 5 वर्षीय नातिन अपने छोटे भाई के साथ 3 जुलाई 2024 को घर के निकट मंदिर में गई थी । इसी दौरान मंदिर पुजारी के रूप में तैनात बाबा जमुना दास उर्फ जलिम सिंह बच्ची को अपने साथ कमरे में ले गया। आरोपी बाबा ने बच्ची के साथ कमरे में दुष्कर्म की घटना को अंजाम दे डाला। इसी दौरान बच्ची का 4 वर्षीय भाई हड़बड़ाते हुए घर पहुंचा और बताया कि उसकी बड़ी बहन को मंदिर का बाबा कमरे में ले गया है । जानकारी होने पर बच्ची के परिजन व मोहल्ले के लोग मौके पर पहुंच गए और बाबा को दबोच लिया।बाद मैं घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने दुष्कर्म पोक्सो एक्ट सहित सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी बाबा को जेल भेज दिया। इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर ने जांच पूरी करने के उपरांत 25 सितंबर 2024 को जांच पूरी कार्यालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। शुक्रवार को विशेष न्यायालय पोक्सो एक्ट के विद्वान न्यायाधीश सुरेंद्र मोहन सहाय ने दोनों पक्षों के साक्ष्यों का अवलोकन करने और गवाहों को सुनने के उपरांत आरोपी को दोषी मानते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास व ₹50000 की अर्थ दंड की सजा सुनाई है।