भारत विकास परिषद वशिष्ठ शाखा द्वारा किया गया शिक्षकों को किया गया सम्मानित
शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर भारत विकास परिषद वशिष्ठ शाखा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारत माता और विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि डॉ पी एन सिंह प्रांत पदाधिकारी नीलम सिंह प्रांत उपाध्यक्ष पर्यावरण डॉक्टर डीके गुप्ता संरक्षक महेंद्र सिंह अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव सचिव डॉक्टर कृष्ण कुमार प्रजापति कोषाध्यक्ष प्रमोद तिवारी द्वारा किया गया और सत्या पांडे द्वारा दीप मंत्र प्रस्तुत किया गया और महिला संयोजिका डॉ शिवा त्रिपाठी द्वारा वंदे मातरम गान कर सभी को शामिल किया गया। अध्यक्ष सचिव कोषाध्यक्ष द्वारा आए हुए अतिथियों को बुके देकर स्वागत किया गया।
भारत विकास परिषद वशिष्ठ शाखा के अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव ने बताया ऊर्जाएं सम्मानित होनी चाहिए और शिक्षक ऊर्जा के स्रोत हैं जो शैक्षिक नवाचारों से राष्ट्र का निर्माण करते हैं जीवन के उत्तरार्द्ध में भी उच्च पदों पर रहने के दौरान शैक्षिक क्षेत्र में उनका योगदान सदैव बना रहा। 17 अप्रैल, 1975 को सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लंबी बीमारी के बाद अपना देह त्याग दिया। लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्यों की वजह से आज भी उन्हें एक आदर्श शिक्षक के रूप में याद किया जाता है। उनके सिद्धांत सदैव अमर रहेंगे
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर पी एन सिंह ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो की भारत के दूसरे राष्ट्रपति और दार्शनिक विचारधारा के थे उन्होंने स्वयं को राष्ट्रपति से ज्यादा शिक्षक कहलानी पसंद किया और अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस में परिणीति करते हुए शिक्षकों को समर्पित किया प्रांत उपाध्यक्ष पर्यावरण डॉक्टर डीके गुप्ता ने बताया एक शिक्षक हमें पढ़ता नहीं है एक शिक्षक हमें खोजी बनता है और भारत विकास परिषद आज के दिन प्रातः गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम से शिक्षक दिवस समारोह में स्वयं को शामिल करती है प्रांतीय अधिकारी नीलम सिंह ने बताया एक शिक्षिका के रूप में उनके पढ़ाई बच्चे विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर आसीन हैं यह एक शिक्षक के लिए सर्वोच्च उपलब्धि होती है कि उसके पढ़ाई छात्र उच्च पदों पर पहुंचे और सामाजिक सरोकारों में योगदान दें सचिव डॉ कृष्ण कुमार प्रजापति ने कहा कि डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन; भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था उनका जीवन अनुकरणीय है कोषाध्यक्ष प्रमोद तिवारी ने शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर कहा शिक्षक समाज के ऐसे शिल्पकार होते हैं जो बिना किसी मोह के इस समाज को तराशते हैं। शिक्षक का काम सिर्फ किताबी ज्ञान देना ही नहीं बल्कि सामाजिक परिस्थितियों से छात्रों को परिचित कराना भी होता है। शिक्षकों की इसी महत्ता को सही स्थान दिलाने के लिए ही हमारे देश में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने पुरजोर कोशिशें की, जो खुद एक बेहतरीन शिक्षक थे। कार्यक्रम को गोपाल त्रिपाठी विनय श्रीवास्तव अशोक यादव नीरज त्रिपाठी आदि लोगों द्वारा भी संबोधित किया गया ।इस अवसर पर आशीष श्रीवास्तव डॉ कृष्ण कुमार प्रजापति कुलदीप सिंह अनिल पांडे संतोष पांडे रामकुमार वर्मा अंगद प्रसाद पांडे लक्ष्मी अरोड़ा शशि सिंह नीरज त्रिपाठी गोपाल त्रिपाठी रेनू पांडे दिव्या त्रिपाठी पंकज गुप्ता अनूप पांडे डॉ संगीता यादव प्रतिमा श्रीवास्तव विवेक वर्मा अशोक यादव अंकित गुप्ता विनय श्रीवास्तव अनू गुप्ता प्रज्ञा चौरसिया अजय श्रीवास्तव सूरज प्रजापति अजीत यादव वीरेंद्र पांडे साहित तमाम लोगों को प्रमाण पत्र तथा मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया इस अवसर पर मनमोहन श्रीवास्तव काजू संतोष सिंह उमंग शुक्ला डॉ शिवा त्रिपाठी डॉ एसके त्रिपाठी पीयूष सचदेवा आदि पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। मंच संचालन अंगद प्रसाद पांडे द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सचिव डॉ कृष्ण कुमार प्रजापति द्वारा आए हुए सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया और सहभोज के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।