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आरक्षण के मुद्दों पर दलितों ने किया प्रदर्शन, कराया ताकत का अहसास

 आरक्षण के सवाल को लेकर भारत बंद में शामिल हुये एस.सी, एस.टी., समाज के लोग

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भेजा 8 सूत्रीय ज्ञापन






 ‘आरक्षण कोई भीख नहीं, यह पूना पैक्ट का वादा है’, आरक्षण में उपवर्गीकरण, क्रीमीलेयर बंद करो’ जैसी तख्तियां लेकर बुधवार को एस.सी, एस.टी., समाज द्वारा भारत बंद के आवाहन पर बस्ती बंद कराया गया। हजारों की संख्या में युवा तिलकराम गौतम, कमलेश सचान, महेन्द्र कुमार, धर्मेन्द्र कुमार रतन, अशोक बौद्ध, बुद्धि प्रकाश एडवोकेट, शशिकान्त आदि के संयोजन में कटेश्वर पार्क स्थित बाबा साहब प्रतिमा के निकट एकत्र हुये। यहां बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद शालीनता के साथ बस्ती बंद कराया गया। आन्दोलित युवाओं में इस बात को लेकर बेचैनी दिखी की किसी व्यापारी, ठेला, फुटपाथ पर दूकान लगवाने वालों का नुकसान न होने पाये। बंद के दौरान एम्बुलेन्स व आवश्ययक सेवाओं, दवा की दूकान, परिवहन आदि को बाधित नहीं किया गया। इसके बावजूद गांधीनगर, कम्पनीबाग, रोडवेज तिराहा, मंगल बाजार, पाण्डेय बाजार आदि स्थानों पर लोगों ने स्वेच्छा से दूकानों को बंद रखा।
बस्ती वंद कराने के बाद एस.सी, एस.टी., समाज और उससे जुड़े सामाजिक संगठनों द्वारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 8 सूत्रीय ज्ञापन  जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से भेजा गया। ज्ञापन के माध्यम से मांग किया है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर 1 अगस्त 2024 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी बनाने का निर्णय लेने के साथ ही संविधान के अनुच्छेद 341, 342 में जो व्यवस्था है उसे संविधान के  9 वीं अनुसूची में शामिल किया जाय जिससे एस.सी.एस.टी. के आरक्षण का मामला कोर्ट के हस्तक्षेप से अलग हो जाय। इसके साथ ही अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन कर कोलेजियम पद्धति के विसंगतियों को दूर किया जाय।
बस्ती बंद कराने और ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से उदयभान, हरीश, पारसनाथ, रामानुज भाष्कर, जितेन्द्र कुमार, आशीष कुमार के साथ ही हजारों की संख्या में लोग शामिल रहे।

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