पिता की गोद में मासूम की मौत, स्वास्थ्य महकमे की शर्मसार
इटावा जनपद के सिविल लाइन इलाके के अंतर्गत विचारपुरा गांव के रहने वाले कृपाल सिंह जो कि गाजियाबाद में नौकरी करते हैं और उनके मासूम बेटा नैतिक जो कि घर के बाहर खेलते समय आवारा कुत्ते ने काट लिया था इसके बाद बच्चे को गाजियाबाद के एमएमजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे लेकिन डॉक्टर ने चोट का निशान न होने के चलते इलाज कराने की जरूरत को नही समझा 29 नवंबर को नैतिक को बुखार आया वजन मेडिकल स्टोर से दवाई लाकर खिलाड़ी लेकिन 30 नवंबर को दिक्कत ज्यादा होने पर इटावा शहर लेकर पहुंचे तभी एक दिसंबर को सैफई के उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय लेकर पहुंचे जहां पर ओपीडी के पांचवें फ्लोर पर डॉक्टर ने मुंह से झाग निकलता देख इलाज करने से मना कर दिया कहा इसको घर लेकर जाओ तभी एक लाचार पिता अपने बेटे को गोद में लेकर रोता बिलखता रहा लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीना आखिर में मासूम बेटे ने एक पिता की ही गोद में दम तोड़ दिया, एक पिता के लिए अपने ही हाथ में अपने मासूम को दम तोड़ता देखा एक एक पिता पर क्या बीती होगी वह तो इस पिता के ही सीने में दर्द दफन है, हालांकि इस पूरे मामले का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आया इस पूरे मामले का सीएमओ ने संज्ञान लेते हुए जांच करने की बात कही।
इस मामले को मृतक नैतिक के पिता कृपाल का कहना है कि मेरे बेटे को कुत्ते के काटने के बाद मौत हो गई है इस मामले को लेकर जब हम अपने बच्चों को सैफई के इमरजेंसी में लेकर पहुंचे तो वहां से हमको भगा दिया कहा कि पांचवें फ्लोर पर जाकर दिखाओ जब हम पांचवें फ्लोर पर पहुंचे तो तो वहां से फटकार लगाते हुए हमको भगा दिया कहा कि इसको यहां से ले जाओ नहीं तो और बीमारी फैल जाएगी फिर वह वहां से निकलकर बाहर अस्पताल के आकार अपने बच्चों को लेकर रोता भी लगता रहा और शाम होते ही करीब 5:00 बजे बच्चों ने दम तोड़ दिया 20 दिन पहले बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था उसके बाद असर होने पर सैफई लेकर पहुंचे थे सैफई ले जाकर मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी इस मामले में सीएमओ साहब ने जांच करने की बात कही है।
इस पूरे मामले में इटावा के सीएमओ गीता राम ने बताया कि आज ही मेरे संज्ञान में यह मामला आया है की एक बच्चा जो की रेबीज का शिकार हुआ था सैफई में गया हुआ था लेकिन उसका किसी ने इलाज नहीं किया इस मामले में सैफई के सीएमएस से जानकारी ली जाएगी कि आखिर किस फ्लोर पर यह मरीज गया था और इसको देखा नहीं गया रेबीज एक लाइलाज बीमारी है जिसका कोई भी इलाज नहीं है लेकिन इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन वहां के डॉक्टर द्वारा इससे जुड़ी हुई जो भी इलाज है वह करना चाहिए था आइसोलेशन में भर्ती करना चाहिए था इसमें सीएमएस द्वारा जानकारी की जाएगी की किस डॉक्टर द्वारा यह लापरवाही की गई है मैंने उसे क्षेत्र के अधीक्षक को बोल दिया है कि बच्चों के संपर्क में जो भी आया है सभी का टीकाकरण किया जाए।