-श्रेया तिवारी मौत मामले में जेल में निरुद्ध प्रिंसिपल और क्लास टीचर को सीजेएम कोर्ट से मिली जमानत के बाद स्कूल प्रशासन ने फैसले का किया स्वागत, तो वही पीड़ित परिवार श्रेया के माता-पिता द्वारा कोर्ट की फैसले से आए दुखी नजर,गरीबों का यहां कोई नहीं,गरीब की कोई नहीं सुनता सब पैसे का खेल है-नीतू तिवारी मृतिका श्रेया की मां
-आजमगढ़ 11th की छात्रा श्रेया तिवारी की मौत मामले में आए दिन नए प्रकरण सामने आ रहे हैं घटना के बाद जहां परिजनों ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर के ऊपर नाम जड़ मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें पुलिस ने धारा 306 और 201 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था उसे प्रकरण में नया मोड़ आ गया तब जब इस पूरे प्रकरण की जांच की विवेचना मऊ जनपद में ट्रांसफर कर दी गई और विवेचना के दौरान वह मोबाइल सीडीआर और तथ्यों के आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आजमगढ़ की कोर्ट ने पुनः सुनवाई करते हुए प्रिंसिपल सोनम मिश्रा व क्लास टीचर अभिषेक राय को लगाई गई धाराओं से मुक्त कर दिया है दिनांक 9 अगस्त को न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आजमगढ़ द्वारा आदेश जारी किया गया जिसमें साफ तौर पर बताया गया कि विवेचक क्षेत्राधिकार नगर मऊ धनंजय मिश्रा द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 291/23 अंतर्गत धारा 306,201 भारतीय दंड विधान के तहत,थाना सिधारी जिला आजमगढ़ के मामले में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में 98.2023 स्वीकार किया जाता है अभियुक्त गण सोनम मिश्रा एवं अभिषेक राय प्रत्येक की तरफ से मुबलिक ₹20,000 की पीवी दाखिल करने पर उन्हें रिहा किया जाए रिहाई का आदेश नियमानुसार जिला कारागार आजमगढ़ को भेजा जाए इस आदेश के बाद जिला जेल से प्रिंसिपल और क्लास टीचर की रिहाई भी कर दी गई
इस पूरे प्रकरण का संज्ञान जब मृतिका श्रेया के परिजनों को पता चला तो उन्हें यह फैसला अप्रत्याशित और अविश्वसनीय लगा उन्होंने एक तरफ जहां पुलिस के कार्यवाही को शुरुआती दौर में सही ठहराते हुए उचित कार्यवाही बताई थी तो वहीं अब पुलिस की विवेचना के दौरान आई घटना से वह हैरान है उनका यह कहना है कि रातों-रात इस फैसले में इतना भेदभाव कैसे हो गया मृतका की मां और पिता ने पुलिस की इस कार्रवाई और विवेचना पर गंभीर सवाल भी उठाए और अब वह आगे की कार्यवाही व बेटी के साथ न्याय की गुहार करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में अपनी बात को रखने के लिए कह रही हैं इस मौके पर परिजनों द्वारा यह भी बताया गया की पुलिस की विवेचना जब से बदली गई है तभी से उन्हें शक भी था और उनके द्वारा किए गए कृत्य से हम काफी आहत हैं बेटी के ऊपर आरोप लगाना और उसके चरित्र पर सवाल उठाने का प्रकरण काफी शर्मनाक है किस परिस्थिति में इस तरह का फैसला लिया गया यह समझ से परे है
उधर इस फैसले को लेकर जिसमें प्रिंसिपल और क्लास टीचर को संबंधित धाराओं से मुक्त करते हुए जेल से रिहा कर दिया गया है के प्रकरण पर प्रिंसिपल और क्लास टीचर मीडिया के सामने तो नहीं आए लेकिन विद्यालय प्रबंधक ने पूरे प्रकरण पर कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए न्याय की जीत बताया है उनका यह कहना है की शुरुआती दौर में जो भी फैसला लिया गया जल्दबाजी में लिया गया तथ्यों से परे रहा और जब इसकी जांच वैज्ञानिक तरीके से हुई है तो मामले की सच्चाई सामने आई है हम इस फैसले का स्वागत करते हैं कोर्ट को धन्यवाद देते हैं और जिस तरीके से उनकी लड़ाई लड़ी गई सारे संगठन और अधिकारियों का धन्यवाद व्यापित करते हैं यह कह कर अपनी बातों को चिल्ड्रन कॉलेज के मैनेजर ने मृतक परिवार के प्रति सहानुभूति रखते हुए उन्हें आश्वासित करने का संदेश दिया है
बयरहाल इस पूरे प्रकरण पर जिस तरीके से घटना के दिन से लेकर अब तक आए दिन नए-नए खुलासे और मामले देखने को मिले जिसमें आज कोर्ट के इस फैसले को लेकर जनपद में एक नई चर्चा व्याप्त हो गई है।