Type Here to Get Search Results !

भाजपा विधायक ने ठाकुर और सिंह शब्द पर उठाया सवाल,कहा सिंह शब्द खालसा पंथ की देन

भाजपा विधायक सुशील शाक्य का दावा, ठाकुर और सिंह शब्दों पर क्षत्रियों का एकाधिकार नहीं, अंग्रेजों ने शुरू की थी ठाकुर की पदवी, सिंह खालसा पंथ की देन


 वरिष्ठ भाजपा विधायक सुशील शाक्य ने आज यहाँ कहा कि सिंह और ठाकुर जैसे शब्दों पर क्षत्रियों का एकाधिकार नहीं है।  शाक्य ने कहा कि जितने भी क्षत्रिय महापुरुष हुए हैं वे अपने नाम के साथ न तो सिंह लिखते थे और न ठाकुर लिखते थे। विधायक ने कहा कि ठाकुर शब्द अंग्रेजों द्वारा दी गयी पदवी होती थी जिसे किसी भी जाति के व्यक्ति के नाम के साथ जोड़ दिया जाता था। इसी तरह सिंह शब्द लिखने का प्रचलन गुरु गोविन्द सिंह के समय से शुरू हुआ जो वीरता और बहादुरी का प्रतीक था।इसके बाद सभी सिख गुरुओं के नाम के साथ सिंह शब्द जोड़ा जाने लगा।

 भाजपा कार्यालय में महात्मा ज्योतिबा राव फुले की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में विधायक सुशील शाक्य ने कहा कि हमारे इतिहास में ठाकुर शब्द है ही नहीं और इसी तरह 200 साल से पहले सिंह शब्द था ही नहीं। उन्होंने महराणा प्रताप, आल्हा उदल, पृथ्वी राज चौहान और जय चंद्र से लेकर अयोध्या सम्राट  भगवान राम चंद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इनमें से न तो कोई ठाकुर लिखता था और न सिंह। उन्होंने कहा कि ठाकुर शब्द की शुरुआत अकबर के शासन काल से शुरु हुई और यह पद्म विभूषण, पद्म श्री जैसी पदवी थी, इस पदवी को अंग्रेजों के शासन काल में भी जारी रखा।एक भी राजा न तो ठाकुर था और न सिंह। उन्होंने कहा कि सिंह शब्द की शुरुआत खालसा पंथ से आई. गुरु गोविन्द सिंह ने अपने अनुयाइयों से कहा कि सब अपने नाम के साथ सिंह लगाओ और सब सिंह की तरह दहाडो।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad