जिले की विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं में आवश्यक सुधार के लिए जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने एंबुलेंस का रोगी तक पहुंचने का समय, उसकी लोकेशन की जांच कराने के लिए सीडीओ को निर्देशित किया है। समीक्षा में उन्होंने पाया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिन्हित 750 बच्चे अभी भी इलाज से वंचित है। जिलाधिकारी ने समय से इलाज कराने का सख्त निर्देश दिया है। आरबीएसके टीम के परफारमेंस पर जिलाधिकारी ने कड़ा असंतोष व्यक्त किया है। एफआरयू भानपुर में पिछले दो माह में केवल एक ऑपरेशन हुआ है और यहां पर शैडोलेस लैंप भी नहीं है। सभी सीएचसी पर ब्लड स्टोरेज यूनिट एक्टिव नहीं है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने पाया कि जनवरी माह में 22500 आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे, जबकि फरवरी माह में मात्र 10000 कार्ड बनाए गये है। इस योजना में कुल 27000 व्यक्ति का उपचार किया गया है, जिसमें से 25500 का निजी अस्पताल तथा मात्र डेढ़ हजार का सरकारी अस्पतालों में इलाज हुआ है। जिलाधिकारी के निर्देश दिए जाने के बावजूद सरकारी अस्पतालों में अलग आयुष्मान वार्ड ना बनाए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त किया है। कुल 323883 आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जो लक्ष्य का 40 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड बनाने का निर्देश दिया है।
समीक्षा में उन्होंने पाया कि आंगनबाड़ी में पंजीकृत 2 लाख 27 हजार में से मात्र 1 लाख 70 हजार बच्चों का आरबीएसके टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। जिलाधिकारी ने आरबीएस के टीम का रोस्टर जारी करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि स्कूल में जाने पर वहां पर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। उन्होंने आशाओं का मानदेय समय से भुगतान न किए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त किया।
बैठक में सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति, डीएफओ नवीन कुमार शाक्य, पीडी कमलेश सोनी, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, एडी रेशम नितेश कुमार, डीसी मनरेगा संजय शर्मा, एनआरएलएम रामदुलार, अधिशासी अभियंता सिंचाई आरके गौतम, जल निगम के एके उपाध्याय तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रह